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अजमेर में पहली बार हुई ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टी

अजमेर, 24 फरवरी(हि.स.)। कैंसर पीड़ित युवती की अजमेर के मित्तल हॉस्पिटल में ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टी की गई। ऐसा केस मित्तल हॉस्पिटल में पहली बार आया। हॉस्पिटल के कैंसर सर्जन डॉ जितिन यादव ने राउण्ड ब्लॉक तकनीक ; बैनेली तकनीकद्ध का प्रयोग कर युवती के स्तन कैंसर रोग का निदान किया। युवती अब स्वस्थ है। इस कॉस्मेटिक सर्जरी के एक दिन बाद युवती को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। जानकारी के अनुसार 36 वर्षीय युवती बॉंये स्तन में गांठ की पीड़ा का निदान देश के कई बड़े चिकित्सा संस्थानों में तलाशने के बाद मित्तल हॉस्पिटल अजमेर के कैंसर सर्जन डॉ जितिन यादव के सम्पर्क में आई। डॉ यादव ने संबंधित जांचों के बाद युवती की उम्र को ध्यान में रखते हुए ब्रैस्ट ऑन्कोप्लास्टी की सलाह दी। बकौल डॉ जितिन यादव इस तरह की सर्जरी कॉस्मेटिक सर्जरी की श्रेणी में आती है। इसमें ऑपरेशन के बाद युवती के स्तन पर कोई निशान नहीं आता और स्तन का आकार भी विकृत होने से बचाते हुए पूरी गांठ को सफलता पूर्वक निकाला जाना संभव होता है। कैंसर सर्जन डॉ जितिन यादव ने बाताया कि पहले जब कि चिकित्सा तकनीक इतनी विकसित नहीं थी महिलाओं के स्तन कैंसर होने पर पूरा स्तन ही निकाल दिया जाता था। अब नई तकनीक और विशेष कौशल एवं दक्षता के रहते पूरा स्तन निकाले बिना भी पूरी गांठ निकाल दी जाती है। उन्होंने बताया कि ब्रैस्ट ऑन्कोप्लास्टी की कई तकनीक में से एक राउण्ड ब्लॉक तकनीक ;बैनेली तकनीकद्ध का प्रयोग युवती की सर्जरी करते हुए किया गया। इस सर्जरी में तकरीबन दो घंटे का समय लगा। सर्जरी की खासियत यह रही कि युवती का स्तन विकृत होने से पूर्ण रूप से बचाया जा सका। यहां तक कि कुछ दिन बाद यह पता लगाना भी लगभग नामुमकिन होगा कि युवती के ब्रैस्ट ऑन्कोप्लास्टी की गई है। इस सर्जरी में मित्तल हॉस्पिटल के एनेस्थीसियोलॉजिस्ट डॉ अनुराग नेल्सन का योगदान रहा। डॉ जितिन यादव ने बताया कि ब्रैस्ट कैंसर लाइलाज नहीं है। जरूरत है कि उसका निदान समय रहते हो जाए। इससे बचाव के लिए महिलाओं को जागरूक रहने की ही जरूरत है। स्तन से संबंधित किसी भी तरह की असामन्य स्थिति महसूस होनेए गांठ आदि होने की शंका होने पर अविलम्ब चिकित्सक से परामर्श करे और जांच कराएं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर से बचाव में खुद को जांचते रहना ही सर्वश्रेष्ठ है। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ ईश्वर

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