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भाजपा के सचेतक का ट्वीट : वेंटीलेटर्स के सब प्रयास कर थक गया, अब तो आत्मदाह करना बाकी

जालोर, 11 मई (हि.स.)। सहाड़ा विधानसभा उपचुनावों में भाजपा के बागी लादूलाल पितलिया को बेंगलुरु तक रगडक़र रख देने की धमकी देने वाले जालोर भाजपा के विधायक और पार्टी के सचेतक जोगेश्वर गर्ग अब अपने एक ट्वीट को लेकर चर्चा में है। जालोर के अस्पताल में पीएम केयर्स फंड से लगाए गए वेंटीलेटर्स को चालू करवाने के लिए मंगलवार को उनकी ओर से किए गए ट्वीट में आत्मदाह करने तक की चेतावनी दी गई है। गर्ग ने अपने ट्वीट में जालोर अस्पताल में पीएम केयर्स फंड से मिले 13 वेंटिलेटर्स बेकार पड़े होने और तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें चालू नहीं करवा पाने की हताशा में आत्मदाह तक की चेतावनी दे दी। गर्ग ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा कि मेरी सारी ताकत और समझ काम में लेकर थक गया, नतीजा शून्य। कलेक्टर कार्यालय के आगे खड़े होकर आत्मदाह करना बाकी रह गया है। आप कहो तो वो भी कर दूं। यदि कोई गारंटी ले कि उसके बाद ये वेंटीलेटर चालू हो जाएंगे। विधायक का आरोप है कि लगातार गुजारिश के बाद भी नकारात्मक रुख से गंभीर मरीजों की जान जा रही हैं। जबकि, पीएम रिलीफ फंड से 13 वेंटीलेटर मौजूद है। उनका आरोप है कि पूरे राज्य में 1500 से अधिक वेंटीलेटर मौजूद है, लेकिन वे सभी बंद पड़े है। सीधे तौर पर यह सरकार की मंशा पर सवालिया निशान है। विधायक ने बताया कि जालोर में 13 वेंटीलेटर 15 माह से पड़े हैं, जो शुरु नहीं है। इसमें कुछ वेंटीलेटर भामाशाहों ने भी दिए। ये अभी तक शुरु नहीं हुए है। गंभीर मरीजों को जोधपुर रेफर करना पड़ रहा है और वे रास्ते में ही दम तोड़ रहे है। प्रशासन को बताने के बाद भी प्रशासन इन्हें शुरु नहीं कर पा रहा है। प्रशासन का कहना है कि चिकित्सा विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि वेंटीलेटर चलाने के लिए राउंड द क्लाक एक एनेस्थिसिया का डॉक्टर व एक जनरल फिजिशियन रखना आवश्यक है। इस काम के लिए 6 डॉक्टर नहीं होंगे, तब तक वे इन्हें शुरु नहीं करेंगे। इन हालात में मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री को ट्वीट कर यह जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि पिछले साल आरपीएसपी ने डॉक्टर भर्ती प्रक्रिया निकाली थी। 200 डॉक्टर्स ने इनमें से ज्वॉइन ही नहीं किया था। इन डॉक्टर को सेवाओं के लिए बुलाया जा सकता है। इससे हालात सुधर सकते हैं और प्रत्येक जिले को 3 से 4 डॉक्टर मुहैया हो सकते हैं, लेकिन सरकार यह पहल करने को भी तैयारी नहीं है। डिविजनल कमिश्नर को अवगत करवाया तो उन्होंने बताया कि जोधपुर रेलवे ने अभी कोविड सेंटर बनाया है। वहां भी ऐसे ही हालात थे। लेकिन वर्चुअल मीटिंग के बाद सीनियर नर्सिंग स्टाफ को एम्स जोधपुर ने ट्रेनिंग देकर उन्हें वेंटीलेटर संचालित करने योग्य बना दिया। इसके बाद वे वेंटीलेटर्स शुरु हो गए। इन हालात में जालोर, पाली, सिरोही, बाड़मेर समेत अन्य स्थानों पर वेंटीलेटर्स शुरु हो सकते हैं। पूरे राजस्थान में 1500 वेंटीलेटर्स नकारा पड़े हैं। प्रधानमंत्री कोष से प्राप्त वेंटीलेटर्स काम नहीं लिए जा रहे हैं, यह बड़ी चूक है। इन सभी प्रयासों के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। मेरे क्षेत्र से मेरे ऊपर जनता का दबाव आया कि आप जैसे वरिष्ठ विधायक होते हुए भी सुविधा नहीं हो रही तो आप किस काम के हो। तब मुझे विकट हालात में ये ट्वीट करना पड़ा। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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