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बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण: दुर्घटना में घायलों की जिंदगी बचाने के लिए विश्वस्तरीय उपकरणों से मिलेगा प्रशिक्षण

- तमिलनाडु मॉडल अपनाकर 108, एनएचएआई और निजी एंबुलेंस का होगा एकीकरण जयपुर, 08 फरवरी(हि.स.) । परिवहन विभाग के राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ ने सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में स्थापित विश्वस्तरीय अत्याधुनिक तकनीक वाली स्किल लैब में बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की। परिवहन आयुक्त रवि जैन ने सोमवार को कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कहा कि शुरूआत में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद चिकित्सकों, प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, सड़क सुरक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड सहित सभी क्षेत्रों के लोगों को सड़क सुरक्षा का प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है और इस सेंटर में सड़क दुर्घटना में घायलों के साथ ही हार्ट अटैक, लकवाग्रस्त, करंट लगने से पीड़ित सहित अन्य मरीजों के प्राथमिक उपचार के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। परिवहन आयुक्त ने कहा कि इस अत्याधुनिक सेंटर से प्रशिक्षण लेने के बाद यदि प्रशिक्षण लेने वाला प्रतिभागी एक व्यक्ति की भी जिंदगी बचा सके तो सेंटर की सार्थकता साबित हो जाएगी। सबसे पहले पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अपने साथी कर्मचारियों को भी जानकारी दें। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में स्किल लैब की घोषणा की गई थी। इस लैब के उपकरण जय प्रकाश नारायण अपेक्स ट्रोमा सेंटर एम्स नई दिल्ली से लाए गए है। इस लैब को लगभग 4 करोड़ रुपये से बनाया गया था। वहीं, समर्पित राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ से 25 लाख रुपये से बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में पुलिस विभाग के 40-40 प्रतिभागियों के 12 बैच को प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार तमिलनाडु राज्य के सड़क सुरक्षा मॉडल को अपनाने जा रही है। इसमें राज्य की 108 एंबुलेंस सेवा, नेशनल हाईवे की एंबुलेंस और निजी एंबुलेंस का एकीकरण किया जा रहा है। इससे आमजन जब 108 टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर जीपीएस सिस्टम के जरिए सबसे नजदीक खड़ी एंबुलेंस को मरीज की सहायता के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर सवाई मानसिंह अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि अत्याधुनिक स्वचालित मॉडल के जरिए प्रशिक्षण में प्रतिभागी को घायल मरीज जैसा आभास होगा। इससे प्राथमिक उपचार प्रक्रिया सीखने में आसानी होगी। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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