विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर खारिज की याचिका : दिलावर
विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर खारिज की याचिका : दिलावर

विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर खारिज की याचिका : दिलावर

जयपुर, 28 जुलाई (हि. स.)। भारतीय जनता पार्टी नेता मदन दिलावर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर उनकी याचिका को खारिज किया है। वे चाहते भी यहीं थे कि दिलावर इस मसले को लेकर जब अदालत में जाएं तो वहां भी उनकी याचिका खारिज हो जाएं। उन्होंने कहा कि अब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ नई याचिका दायर की हैं, जहां सुनवाई के दौरान दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। भाजपा नेता दिलावार मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 18 सितंबर 2019 को बसपा के 6 सदस्यों के कांग्रेस में विलय के आदेश जारी हुए थे। इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्होंने 16 मार्च 2020 को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी। याचिका में विलय को अमान्य करार देने की मांग की गई थी। जब याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 17 जुलाई को दिलावर ने फिर स्मरण पत्र लगाया, जिस पर स्पीकर ने 24 जुलाई को याचिका को निरस्त कर दिया। उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। इसी दौरान वे हाईकोर्ट में गए तो सत्यापित प्रतिलिपि के अभाव में उनकी याचिका को अमान्य करार दे दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष के फैसले की सत्यापित प्रतिलिपि लेने के लिए भी उन्हें विधानसभा में धरने पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि अब बहुजन समाज पार्टी भी इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटा रही है, क्योंकि किसी भी पार्टी का दूसरे दल में विलय सिर्फ पार्टी प्रमुख की सहमति से ही हो सकता है। राजस्थान में बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय अमान्य इसलिए है कि यहां पार्टी प्रमुख की अनुमति नहीं ली गई है। अब मामला अदालत में है और अदालत इस मसले पर अपना रूख जल्द साफ कर देगी। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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