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90 साल के पिता को हर महीने गोद में उठाकर लाती है पेट की भूख

पाली, 19 फरवरी (हि. स.)। पाली कलक्ट्रेट में 65 साल के बेटे की गोद में 90 वर्षीय पिता की तस्वीर हमारे सिस्टम की उस कमजोरी को उजागर करती है, जिसमें सरकारी नियमों की पेचीदगियां सामने आती है। आम व्यक्ति को इन पेचीदगियों से बचाने के लिए वादे तो खूब किए जाते हैं, लेकिन उन्हें इन पेचीदगियों से निकालने की इच्छाशक्ति को दृढ़ संकल्प में बदलने की कोशिश कोई नहीं करता। एक बेटे की गोद में 90 साल के ये बुजुर्ग दिव्यांग नहीं है, लेकिन ये भी ऐसी ही कुछ पेचीदगियों के शिकार है। नियमों की पेचीदगियों में फंसे ये बुजुर्ग केरला के 90 साल के भानाराम देवासी है। जीवन के 90 बसंत देखने के बाद अब इनकी आंखें धुंधली हो गई है। पैरों ने जवाब दे दिया है। हाथ के अंगूठे के निशान भी गायब हो गए है। इसी कारण सरकार की ओर से मिलने वाली पेंशन पाने के लिए उन्हें हर माह कलक्ट्रेट तक लाना पड़ता है। वे चल नहीं पाते, इस कारण उनका बेटा गोद में उठाकर पिता को लाता है। उन्हें सामने देखने के बाद कार्मिक पेंशन की राशि पर हस्ताक्षर करते हैं। केरला निवासी भानाराम देवासी के पुत्र जेरूपाराम ने बताया कि उनकी स्वयं की उम्र भी कम नहीं है। घर की आर्थिक स्थिति भी बेहतर नहीं है। इस कारण पेंशन की राशि से थोड़ा सहारा मिलता है। पिता का अंगूठा नहीं आने से उन्हें जिला कोष कार्यालय लाना पड़ता है। वे चल नहीं पाते, इस कारण उन्हें गोद में उठाकर लाते है। इससे पिता को भी काफी तकलीफ होती है, लेकिन मजबूरी है। वे बताते है कि पेंशन के लिए हर माह आने पर उनके एक दिन की मजदूरी भी खत्म हो जाती है। उनके पिता को किसी भी तरीके से गांव में ही पेंशन मिलने लगे तो थोड़ी राहत मिल सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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