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एक साल में पैंथर के हमले में 6 मरे, संसाधन बढ़ाए विभाग - पूर्व सांसद

-रघुवीर मीणा ने आदिवासी क्षेत्र की मांगों को उठाया उदयपुर, 10 मार्च (हि.स.)। उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने पैंथर के बढ़ते हमलों के मद्देनजर वन विभाग को बचाव के संसाधन बढ़ाने की जरूरत बताई है। बुधवार को वन विभाग के अंतर्गत गठित क्षतिपूरक वनीकरण प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) की संचालन समिति की प्रथम बैठक में उन्होंने उदयपुर क्षेत्र की जरूरतें रखीं। राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजस्थान सरकार के सभी प्रमुख विभागों के शासन सचिवों के अलावा एकमात्र जनप्रतिनिधि के रूप में उदयपुर से पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने भाग लिया। बैठक में रघुवीर मीणा ने कहा कि जयसमन्द वन्य अभयारण्य में पिछले एक वर्ष में 6 लोगों की पैंथर के हमले में मृत्यु हो गई है, इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को रेस्क्यू के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। जयसमन्द वन्य अभयारण्य की चारदीवारी को 6-6 फीट ऊंची बनाने के साथ ही उस पर कंटीले तारों की फेंसिंग का सुझाव भी रघुवीर मीणा ने दिया। मीणा ने सुझाव दिया कि जयसमन्द वन्य अभयारण्य में 50 हिरण, 100 चीतल, 20 सांभर, 50 चिंकारा, 20 चैसिंघा आदि लाए जाएं। जयसमन्द अभयारण्य क्षेत्र में 700 हैक्टेयर में फैले हुए विलायती बबूल को साफ कर घास लगाई जाए। उन्होंने अभयारण्य में वाटर होल, शेल्टर आदि के निर्माण के लिये बजट की मांग की। आदिवासी क्षेत्र की जो स्वीकृत सड़कें वन विभाग के अंतर्गत हैं और नहीं बन पा रही हैं उन्हें वन विभाग खुद एजेंसी बन कर पूरा करवाए जिससे आदिवासी समुदाय सड़क, चिकित्सा, शिक्षा, यातायात से जुड़ सके। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप

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