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'मायड़ भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए राजस्थानी फिल्मों को मिले प्रोत्साहन'

बीकानेर, 08 फरवरी (हि.स.)। राजस्थानी फिल्मों के अभिनेता श्रवण सागर ने सोमवार को बीकानेर में कहा कि मायड़ भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए राजस्थानी फिल्मों को प्रोत्साहन मिलना जरुरी है, तभी संस्कृति का उद्धार होगा। महाराष्ट्र की तर्ज पर सिनेमा हॉल में राजस्थानी फिल्म का प्रदर्शन अनिवार्य यानि रोजाना सिनेमा में एक शो राजस्थानी फिल्मों का लगना जरुरी होगा तभी दिशा सुधरेगी। सागर यहां राजस्थान के जाने-माने कॉमेडियन मुरारीलाल पारीक, राजस्थानी फिल्मों के अभिनेता युधिष्ठर सिंह भाटी, पूनम मोदी, महफूज अली, प्रिया राठौड़, राजीव मित्तल, अभिनेता इमरान, आर.डी.भाटी, आरजे रोहित शर्मा की मौजूदगी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थानी सिनेमा महोत्सव वीक चल रहा है जिसके तहत विभिन्न जिलों में राजस्थानी सिनेमा की दिशा और दशा पर सेमीनार, प्रेस-कांफे्रंस के आयोजन पर्यटन कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार एवं राजस्थानी सिनेमा विकास संघ द्वारा किए जाएंगे। मुरारीलाल पारीक ने शूटिंग स्थलों को विकसित करने एवं स्थानीय कलाकारों को सहज उपलब्ध करवायी जाने एवं अच्छे और गुणवत्तापूर्ण साहित्य पर फिल्म बनाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में फिल्म सिटी बनायी जानी चाहिए। युधिष्ठर सिंह भाटी ने यहां की कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए एकजुटता की बात कही। पूनम मोदी ने बताया कि परिचर्चा के मुख्य बिंदुओं में फिल्म विकास बोर्ड का गठन करने, जिले के स्थानीय फिल्म व एलबम कलाकार सहायता कोष बनाने, आपदाकाल में कलाकारों को मदद करने, फिल्मकारों व कलाकारों का डाटा संग्रहण करने, सरकारी कैटेगरी के अनुसार पहचान कार्ड उपलब्ध कराने, पत्रकारों और वकीलों की तर्ज पर कलाकारों के लिए रियायती दर पर कलाकार कॉलोनी, सिनेमा से जुड़े रोजगार के लिए सरकार स्टार्टअप शुरु करे जिसमें फिल्मकारों, कलाकारों को अनुदान एवं रियायती दर पर लोन उपलब्ध हो साथ ही मुख्य रुप से जिले के अंदर शूटिंग स्थलों को विकसित करना एवं नि:शुल्क स्थानीय कलाकारों को उपलब्ध कराना शामिल है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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