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आईआईटी बॉम्बे में पढ़ा रहा है कोटा का 19 वर्षीय मेधावी छात्र

गौरव: आईआईटी बॉम्बे में कम्प्यूटर साइंस ब्रांच द्वितीय वर्ष के छात्र आदिश जैन रोजाना कोटा से ही ऑनलाइन क्लास लेते हैं। कोटा, 29 मार्च (हि.स.)। कोरोना महामारी के दौरान इन दिनों देश के आईआईटी में ऑनलाइन पढाई चल रही है, जिससे सभी स्टूडेंट्स घर पर रहते हुये ऑनलाइन स्टडी कर रहे हैं। कोटा के मेधावी छात्र आदिश जैन को आईआईटी, बॉम्बे से ऑनलाइन पढाई करते हुये वहां के प्रथम वर्ष स्टूडेंट्स को पढ़ाने का अवसर भी मिला है। वे बतौर टीचिंग असिस्टेंट (टीए) मार्च एवं अप्रैल में गणित की क्लास ले रहे हैं। इंद्रविहार निवासी जितेंद्र जैन के बेटे आदिश जैन एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेकर जेईई-एडवांस्ड,2019 में एआईआर-25 पर चयनित हुये थे। उन्होंने कहा कि आईआईटी बॉम्बे में एक-दो सप्ताह बाद रैंक कोई मायने नहीं रखती है। प्रवेश परीक्षाओं के टॉपर्स आईआईटी में जाकर फेल तक हो जाते हैं। सभी साथ पढते हैं, लेकिन सेमेस्टर परीक्षा में सीजीपीए-10 अर्जित करने वाले स्टूडेंट को टीचिंग असिस्टेंट के रूप में पढाने का अवसर मिलता है। वे कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। आदिश ने बताया कि आईआईटी में सीनियर स्टूडेंट ही फ्रेशर्स के मंेटर होते हैं। वे कैम्पस में हर तरह की मदद करते हैं। आईआईटी में मैथ्स व फिजिक्स क्लब के अतिरिक्त म्यूजिक, गेम्स, एक्टिविटी क्लब व कॉम्पिटिशन जैसी एक्स्ट्रा कॅरिकुलम एक्टिविटी बहुत होती हैं। आईआईटी संस्थानों में अनुभवी शिक्षक बीटेक प्रथम वर्ष में सभी ब्रांच की क्लास एक साथ लेते हैं, जिससे एक क्लास में 400 स्टूडेंट रहते हैं। इनमें से 40-40 विद्यार्थियों की नियमित ट्यूटोरियल क्लास टीचिंग असिस्टेंट (टीए) अलग से लेते हैं। वे क्वेश्चन प्रेक्टिस के साथ डाउट साल्यूशन भी करते हैं। आईआईटी बॉम्बे में पढ़ने और पढ़ाने का अवसर एक साथ मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है। ‘फूड फॉर थाट’ देते हैं आईआईटी एक सवाल के जवाब में आदिश ने बताया कि आईआईटी में बोर्ड की तरह सब्जेक्टिव पेपर होते हैं, जिनके पेपर पैटर्न अलग होते हैं। वहां सिर्फ न्यूमेरिकल पर ही फोकस नहीं रहता। चूंकि आईआईटी प्रोफेसर की कंसेप्चुअल नॉलेज बहुत अच्छी होती है, इसलिये सेमेस्टर परीक्षाओं का सिलेबस, प्रश्न व ग्रेडिंग वे ही तय करते हैं। ब्रांच बदलने का अवसर भी प्रत्येक आईआईटी संस्थान में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट को प्रथम वर्ष में ब्रांच बदलने का अवसर भी मिलता है। आदिश ने बताया कि प्रत्येक ब्रांच में 10 प्रतिशत छात्र ब्रांच बदल सकते हैं। इसके लिये उन्हें सीजीपीए के आधार पर मौका मिलता है। इंस्टीट्यूट में मेजर व माइनर कंसेप्ट होने से रूचि के अनुसार पढाई कर सकते हैं। संस्थानों में किसी भी ब्रांच से इंस्टीट्यूट इलेक्टिव के दो कोर्स करना अनिवार्य है। हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/ ईश्वर

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