13-years-ago-today-there-were-bomb-blasts-in-jaipur
13-years-ago-today-there-were-bomb-blasts-in-jaipur

13 साल पहले आज के दिन हुए थे जयपुर में बम धमाके

जयपुर,13 मई (हि.स.)। राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम धमाकों को भले ही आज 13 साल हो गए हो,लेकिन उनकी गूंज आज भी लोगों के जहन में गूंजती रहती है। जयपुर वासी जब भी यह मनहूस घड़ी को को याद करती है जो सहम जाते है और उनकी आंखों से आंसू बहने लगते है। क्यों कि आज ही के दिन 13 मई 2008 को शाम करीब 7:30 बजे से शहर के परकोटा क्षेत्र में सिलसिलेवार तरीके से आतंकियों ने बड़ी चौपड़, माणकचौक थाने के पास, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और कोतवाली इलाके में 15 मिनट के अंदर आठ बम ब्लास्ट किए थे। इनमें 71 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। जबकि 185 लोग घायल हो गए थे। हर साल मृतकों की याद में आज के दिन शहर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम, रक्तदान शिविर सहित चांदपोल व सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर महाआरती और विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता था। लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट की 13वीं बरसीं पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा रक्तदान शिविर और श्रद्धांजलि सभाएं,कैंडल मार्च ,महाआरती सहित सभी कार्यक्रमों स्थगित कर दिए गए हैं। जयपुर में सिलसिलेवार आठ बम धमाकों के मामले में विशेष अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को चार आतंकी मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान को फांसी की सजा को फांसी की सजा सुनाई गई। जबकि शाहबाज को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। ये सभी जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है। तीन आतंकी अभी फरार हैं। तीन अन्य राज्य की जेलों में है और दो का एनकाउंटर हो चुका है। आतंकियों ने धमाकों के लिए जयपुर की चारदीवारी क्षेत्र को चुना था आतंकियों ने जयपुर को दहलाने के लिए चारदीवारी क्षेत्र के शाम का समय चुना था क्योंकि शाम के वक्त शहर में काफी भीड़ रहती है। 13 मई मंगलवार की शाम को मंदिरों में आरती हो रही थी, दुकानदार अपने कामों में लगे हुए थे। शहर दौड़ रहा था, जैसे ही धमाकों की आवाजे आने लगी तो लोग सहम गए। बम धमाकों का पता चलते ही लोग इधर से उधर भागने लगे। बाजार बंद होते गए। कुछ लोग दुकानें खुली छोड़ भागे। शहर की सडक़े सूनी हो गई। लोग घरों में बंद से हो गए। कुछ लोगों ने मंदिरों में शरण ली। इन जगहों पर हुए थे धमाके आतंकियों ने बड़ी चौपड़, माणकचौक थाने के पास, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और कोतवाली इलाके में 15 मिनट के अंदर 8 सीरियल बम धमाके किए। पहला धमाका शाम करीब 7.10 बजे हुआ था। धमाकों के बाद हर तरफ तबाही का मंजर था और शहर में लाशों को अंबार। इन सीरियल बम धमाकों में 71 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे। बीडीएस ने सूझबूझ से बम को किया निष्क्रिय बीडीएस को जब पता चला कि साइकिल पर बैग में रखे बम में नौ बजे का टाइम सेट किया हुआ है तो एकबारगी सबकी सांसें फूल गई। जब पुलिस को बम मिला, उस समय 8 बजकर 10 मिनट हो गए थे। बीडीएस के पास बम को निष्क्रिय करने के लिए केवल पचास मिनट का समय था। लेकिन टीम ने अपनी सूझबूझ के साथ 8 बजकर 40 मिनट पर बम को निष्क्रिय कर दिया और भयानक तबाही होने से बचा लिया। बीडीएस ने बम विस्फोट में शामिल सबसे ज्यादा शक्तिशाली बम इसी को माना था। बताया जा रहा है कि अगर यह बम फट जाता तो जयपुर का मंजर और भी भयानक हो सकता था। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश / ईश्वर

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in