गोविंद देव के दरबार में दर्शनों के लिए लगी श्रद्धालुओं की कतारें
गोविंद देव के दरबार में दर्शनों के लिए लगी श्रद्धालुओं की कतारें

गोविंद देव के दरबार में दर्शनों के लिए लगी श्रद्धालुओं की कतारें

जयपुर, 01 दिसम्बर (हि.स.)। आराध्य के दर्शनों की लालसा लिए टकटकी लगाए भक्तों की लंबी कतारें..., राधे-कृष्ण की स्वरलहरियों से गूंजता मंदिर परिसर..., मास्क लगाकर आगे बढऩे की चाह..., थर्मल स्क्रीनिंग की परीक्षा व आयुर्वेदिक सैनेटाइजेशन का इस्तेमाल सरीखे नजारे मंगलवार को 257 दिन बाद गोविंद देव मंदिर में साकार हुए। सुबह 7.45 बजे दर्शन खुलने से पूर्व ही मुख्य द्वार और जयनिवास उद्यान के प्रवेश द्वार पर 30 मिनट पहले ही भक्तों की कतारें लगना शुरू हो गईं। धीरे-धीरे समय बढऩे के साथ ही भक्तों की आवाजाही बढ़ गई। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच जयपुरवासियों की आस्था के केंद्र गोविंद देव जी का दरबार मंगलवार से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। आठ महीनों के इंतजार के बाद गोविंद देव जी के दर्शनों के लिए यहां श्रद्धालुओं की सुबह से ही लंबी लाइनें लग गई। गोविंद देवजी मंदिर में सुबह 7.45 से दोपहर 12 बजे और शाम 4 से 6.30 बजे तक भक्त दर्शन कर सकेंगे। आमेर स्थित शिला माता मंदिर में भक्त सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक व शाम 4 से 6 बजे तक माता रानी के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में लगभग 60 फीट की दूरी से भक्तों ने दर्शन किए। नाइट कफ्र्यू के चलते भक्तों का मंगला और शयन झांकी में प्रवेश वर्जित रहेगा। भक्त परिक्रमा नहीं लगा सकेंगे। तुलसी, प्रसाद और चंदन का वितरण भी नहीं होगा। गोविंद देव जी मंदिर राजधानी जयपुर का सबसे बड़ा मंदिर है। लॉकडाउन से पहले रोजाना औसतन यहां 15 हजार भक्त सुबह-शाम दर्शनों के लिए पहुंचते थे। कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन लगने के बाद 18 मार्च को ग्वाल झांकी के बाद से मंदिर आम भक्तों के लिए बंद था। कोरोना के संक्रमण का दौर शुरू होने पर गोविंद देव मंदिर प्रबंधन ने 22 मार्च से इसे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया था। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह और इसके सामने बने मुख्य पांडाल में जाने की अनुमति नहीं दी गई। मंदिर प्रबंधन ने मुख्य पांडाल के बाहर दर्शनों के लिए बैरिकेट लगाए है। वहीं से श्रद्धालुओं को दर्शन कर भेजा गया। बिना मास्क मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया। मंगलवार से आमजन के लिए गोविंद देव मंदिर खुलने के बाद परिसर में बनी श्रृंगार और पूजा पाठ के सामान की दुकानें फिर से सज गई। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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