असला लाइसेंस लेने के लिए लगाने होंगे दस पौधे, नई शर्त लागू
असला लाइसेंस लेने के लिए लगाने होंगे दस पौधे, नई शर्त लागू

असला लाइसेंस लेने के लिए लगाने होंगे दस पौधे, नई शर्त लागू

लुधियाना 25 अगस्त ( हि स ): असला लाइसेंस लेने के लिए लुधियाना जिले के लोगों को अब पौधे लगाने होंगे, साथ ही उनकी देखभाल करनी होगी और प्रमाण के तौर पर तस्वीरें जिला प्रशासन को सौंपनी होंगी, जिसके बाद ही उनका असला लाइसेंस की फाईल क्लीयर होगी। पटियाला के डिवीजनल कमिश्नर चंद्र गैंद ने मंगलवार को ट्री फॉर गन लुधियाना में लांच कर दी है, जिसके बाद फिरोजपुर, पटियाला, संगरूर के बाद लुधियाना इस अनोखी व्यवस्था वाला चौथा जिला बन गया है। स्कीम को लांच करते वक्त डिवीजनल कमिश्नर चंद्र गैंद ने बताया कि इस स्कीम के तहत असला लाइसेंस के आवेदकों को दस व पुराना असला लाइसेंस रिन्यू करवाने वालों को पांच पौधे लगाने होंगे और पौधे लगाते हुए की तस्वीर भी साथ में अटैच करनी होगी। यही नहीं एक महीने बाद दोबारा से इन पौधों की ग्रोथ वाली तस्वीरें अटैच करनी होंगी, तभी किसी आवेदक की फाइल क्लीयर होगी। आवेदकों का डोप टेस्ट, पुलिस वेरिफिकेशन व अन्य कार्रवाई एक महीने बाद दोबारा से पौधों की तस्वीरें देखने के बाद ही करवाई जाएगी। स्कीम की लांचिंग के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में पर्यावरण संकट एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है और भू-जल स्तर नीचे जा रहा है। पर्यावरण को बचाने के लिए उन्होंने फिरोजपुर जिले से एक छोटी सी शुरूआत की थी, जिसके तहत असला लाइसेंस के लिए दस पौधे और लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए पांच पौधे लगाने की शर्त लगाई गई थी। स्कीम की कामयाबी को देखते हुए इसे पटियाला और संगरूर जिले में लांच किया गया है। अब लुधियाना जिले में स्कीम की लांचिंग की गई है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 32111 असला लाइसेंस जारी हो चुके हैं। इसके अलावा हर साल करीब 230 नए असला लाइसेंस जारी होते हैं और 10 हजार से ज्यादा असला लाइसेंस रिन्यू की फाइलें दाखिल होती हैं। इस हिसाब से हर साल जिले में 53,425 पौधे लगाए जा सकते हैं, जोकि औद्योगिक नगरी लुधियाना के वन क्षेत्र में बढ़ोतरी की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। अगर ये योजना पूरे राज्य में लागू की जे तो हर साल 2.64 लाख पौधे लगाए जा सकते हैं और कुछ ही सालों में हरियाली के मामले में अप्रत्याशित तौर पर बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसी तरह देश के सभी 736 जिलों में यह स्कीम लागू की जाए तो हर साल 1 करोड़ से ज्यादा पौधारोपण हो सकता है। हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र जग्गा / संजीव-hindusthansamachar.in

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