पांच देशों के राजदूत बोले, भारत में पर्यटन की हैं अपार संभावनाएं

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-पीएचडी चैंबर ने आयोजित किया दसवां इंटरनेश्नल हेरिटेज टूरिज्म कॉन्क्लेव चंडीगढ़,12 मार्च (हि.स.)। भारत की संस्कृति और धरोहर की छाप मात्र डोमेस्टिक टूरिज्म तक ही सीमित न रहकर समूचे विश्व में अपनी पहचान बना चुकी है। कोविड 19 से पूर्व वर्ष 2019 में देश में लगभग 11 मिलियन विदेशी पर्यटकों ने भारत में आकर इस देश की संस्कृति को करीब से जाना है। भारत में पर्यटन सबसे बड़ी सर्विस इंडस्ट्री में से एक है,जोकि देश की जीडीपी में लगभग 98 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स का योगदान देता है। यह विचार पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से पंचकूला के रामगढ़ फोर्ट में आयोजित दसवें अंतरराष्ट्रीय हेरिटेज टूरिज्म कॉन्क्लेव में शामिल हुए पांच देशों के राजदूत, कई प्रदेशों के पर्यटन विकास बोर्ड अधिकारियों तथा पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों के आपसी मंथन में सामने आए। इस कान्क्लेव में चेक गणराज्य के दूतावास के एम्बेसडर मिलन होवोरका, सेशेल्स गणराज्य के राजदूत थामस सिलबे पिल्ले, स्लोवाक गणराज्य के राजदूत ईवान लनकेरिक, स्लोवेनिया गणराज्य के राजदूत डाक्टर मरजन केनकन, वियतनाम गणराज्य के राजदूत फेम सान छाओ और इंडोनेश्यिा गणराज्य के चार्ज डीएफेयर्स फ्रेडी पेई शामिल हुये, जिन्होंने हरियाणा व चंडीगढ़ की खूबसूरती को जमकर सराहा। कोरोना महामारी के बाद देश में पर्यटन में और अधिक पर्यटन संभावनाएं तलाशने की दृष्टि से यह आयोजन किया गया है। अलग-अलग देशों के प्रतिनिधियों ने कहा कि कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देना और देश की सांस्कृति व कुदरती हेरिटेज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती दिलाना है। कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र पर भारत सरकार में पर्यटन मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक रुपिन्दर बराड़ ने कहा कि दुनिया भर के देश इस समय महामारी से उबर रहे हैं। सामान्य मूल्यों और सांस्कृतिक हितधारकों के बीच संबंधों को मजबूत करने का मतलब है कि दोनों क्षेत्र समावेशी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। मंत्रालय ने आगे कदम उठाते हुए,आसियान जैसे संगठनों की भारी संख्या के साथ यूनेस्को के विरासत स्थलों और भारत के अन्य आकर्षण के केंद्रों के विकास और संवर्धन के लिए द्विपक्षीय/बहुपक्षीय सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजीव

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