लुधियाना: गर्मी के मौसम में कुत्तों का रखे विशेष ध्यान
--गुरु अंगद देव विवि के विशेषज्ञों ने चेताया --कुत्ता गाड़ी में है तो शीशा खुला छोडे़ं लुधियाना, 18 मई (हि.स.)। गुरु अगंद देव वैटनरी एंड साईंसज यूनिर्वसिटी के वैटनरी मेडिसन विभाग के प्रमुख डाक्टर चरणजीत सिंह रंधावा ने गर्मी के बढ़ रहे प्रभाव में कुत्तों को सेहतमंद रखने के लिए अपने विचार देते हुए कहा कि इस मौसम में गर्मी का दौरान पड़ना या पानी की कमी हो सकती है। कई बार लोग कुत्तों को गर्म मौसम में कार में छोड़ कर चले जाते है। कार का तापमान बहुत तेजी से बढ़ने लगता है और बहुत गर्म हो जाता है, इसलिए कुत्ते को कभी भी बंद कार या थोड़े शीशे खोल कर कुत्तों को कार में नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि गर्मियों का मौसम कुत्ते व उसके मालिक के लिए इक्ट्ठे बाहर समय बिताने या कसरत करने के लिए बहुत महत्तवपूर्ण है, पर इस बात का भी ध्यान रखने की जरूरत है कि ज्यादा गर्मी में कुत्ते के तापमान को संतुलित रखा जाए। उन्होने बताया कि कुत्ते का शारीरिक तापमान 100.5 डिग्री से 102.5 फारनहीट तक रहता है। इससे अधिक तापमान गर्मी के दौरों में बदल जाता है। कुत्तों को मनुष्य की तरह पसीना नहीं आता, इसलिए वह अपना तापमान स्थिर रखने के लिए हौंकना शुरू कर देते है। जब कुत्ता अधिक मुंह खोल कर व तेज सांस से क्रिया कर रहा हो तो मालिक को समझ लेना चाहिए कि उसको ठंडा करने या पानी देने की जरूरत है। अधिक बुखान होने की सूरत में कुत्ते के अंगों को पक्के तौर पर नुकसान हो सकता है और मौत भी हो सकती है। गंभीर हालत होने से पहले वैटनरी डाक्टरों का मशवरा लेना जरूरी बन जाता है। डाक्टर रंधावा ने सुझाव दिया कि कार में कभी भी कुत्ते को न छड़ो। बहुत भाग दौड़ वाली कसरत ज्यादा गर्मी में करवाई जाए और कोशिश की जाए कि छांव में रूख के नीचे रखा जाए। ठंडा ताजा पानी हर समय कुत्ते के पास रहना चाहिए। गर्मी का दौरान पड़ने पर उसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर कुत्ता आनंद महसूस करता हो तो किसे टब में पानी भर कर उसमें उसे छोड़ा जा सकता है। कोशिश करनी चाहिए कि कुत्ता मालिक की नजर में रहे। हिन्दुस्थान समाचार / कुमार / संजीव