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आप के चार विधायकों के दल -बदल का मामला विधान सभा में गूंजा

चंडीगढ़ , 2 मार्च ( हि स ): दल -बदल के मामले में उलझे आम आदमी पार्टी के चार विधायकों का मामला आज पंजाब विधान सभा में गूंजा। अकाली दल ने ये मामला उठाया तो वही आम आदमी पार्टी ने भी विधान सभा स्पीकर से दल -बदल चुके चार विधायकों के विरुद्ध शीघ्र कारवाई करने की मांग की गई। करीब दो वर्ष से चार विधायक 'आप ' को छोड़कर कांग्रेस समेत अन्य दलों में चले गए थे और अन्य दल से चुनाव भी लड़े थे ,परन्तु पराजित हो गए थे। स्पीकर पर चार विधायकों के विरुद्ध कारवाई करने में देरी दे आरोप लग रहे है , जबकि विधान सभा स्पीकर राणा के पी सिंह ने कहा कि वे नियमोंनुसार कारवाई कर रहे है और अगर किसी को कोई शंका है , वो अदालत का सहारा ले सकता है। वर्ष 2019 में अरविन्द केजरीवाल द्वारा अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया से नशे के आरोपों में माफ़ी मांगने के बाद एक -एक करके चार विधायक आम आदमी पार्टी से बागी होकर अलग हो गए थे। विधायक सुखपाल सिंह खेहरा ने तो अपनी अलग की पंजाब एकता पार्टी बना ली थी और खेहरा और अन्य विधायक बदलेव सिंह ने पंजाब एकता पार्टी के निशान तले लोक सभा चुनाव बठिंडा और फरीदकोट से क्रमवार लड़ा था। परन्तु उनकी जमानत ही ज़ब्त हो गई थी।जबकि विधायक नाज़र सिंह मानशाहियाँ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जनवरी 2019 में आम आदमी पार्टी के विधायक दल के नेता हरपाल सिंह चीमा ने इस बारे में स्पीकर , विधान सभा से शिकायत की थे और चार विधायकों के विरुद्ध कारवाई की मांग की थी। आज अकाली दल के विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया ने सदन में कहा कि चार विधायक कभी इधर तो कभी उधर आ जाते है , परन्तु स्पीकर उन चार विधायकों को बचा रहे है। आम आदमी पार्टी के विधायक दल के नेता चीमा ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि वे खुद चार विधायकों के विरुद्ध कारवाई के लिए स्पीकर से मिल चुके है। परन्तु बागी विधायकों को मौका दिया जा रहा है। अगर स्पीकर चाहते तो तत्काल चार विधायकों के विरुद्ध कारवाई कर सकते थे , परन्तु ऐसा नहीं किया गया और अब तो वर्तमान विधान सभा का कार्यकाल भी महज एक वर्ष रह गया है । इस पर स्पीकर राणा ने कहा कि वे सविंधान के मुताबिक ही काम कर रहे है अगर किसी को कोई शंका है , वो अदालत में जा सकता है। 20 बैंक शामिल होंगे राज्य सहकारी बैंक में आज पंजाब विधान सभा में प्रश्न काल में सरकार ने एक प्रश्न के जवाब के बताया कि पंजाब मंत्री मंडल द्वारा पारित निर्णय अनुसार पंजाब के 20 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों का विलय अब पंजाब राज सहकारी बैंक में करने का निर्णय हुआ है। सरकार अनुसार इसका मकसद सहकारी बैंकों का कारोबार कम होने से बैंकों का मुनाफा कम हो रहा था। जबकि बैंकों द्वारा वो ऋण भी दिए जा रहे थे , जिन्हे रोका गया था। इसके अतिरकित बैंकों का कम्प्यूटरीकरण व अन्य खर्चों के चलते ही विलय का निर्णय लिया गया था। सरकार ने पुष्टि की कि इस विलय को लेकर फिर से विचार का कोई प्रस्ताव नहीं। हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र जग्गा /संजीव

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