वड़ोदरा मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट इकाई को मिला नया पार्सल यातायात
वड़ोदरा मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट इकाई को मिला नया पार्सल यातायात

वड़ोदरा मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट इकाई को मिला नया पार्सल यातायात

मुंबई, 21 सितंबर, (हि. स.)। पश्चिम रेलवे की बहुस्तरीय व्यावसायिक विकास इकाइयां (बीडीयू) लगातार माल ढुलाई के लिए अभिनव रास्ते तलाश रही हैं। इसी क्रम में वडोदरा डिवीजन की बीडीयू ने हाल ही में गैल्वनाइज्ड बक्सों के अलावा मिश्रित जनरल गुड्स को पार्सल विशेष ट्रेनों के जरिये क्रमशः पटना और न्यू गुवाहाटी पहुंचाया। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कोविड लॉकडाउन के तहत अनेक विपरीत परिस्थितियों के बावजूद रेल मंत्रालय पिछले साल हासिल माल भाड़े के आंकड़ों को पार करने पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसीलिए देश भर में मालगाड़ियों का परिचालन 24X7 किया जा रहा है। सम्भावित माल यातायात के अधिकाधिक दोहन और माल परिवहन हेतु अनुकूल सुविधाएं प्रदान करने के लिए व्यावसायिक विकास इकाइयां भी स्थापित की गई हैं। इसी क्रम में वड़ोदरा डिवीजन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट द्वारा हाल ही में दो नये प्रकार के पार्सल ट्रैफिक का प्रबंधन किया गया है। इसके अंतर्गत मियागाम कर्जन से 1595 किलोमीटर की दूरी पर पटना तक गैल्वनाइज़्ड बक्से ले जाये गये। इस यातायात के फलस्वरूप लगभग 1.10 लाख रु का राजस्व अर्जित हुआ।एक अन्य उपलब्धि के अंतर्गत रानोली से लगभग 2450 किलोमीटर की दूरी पर स्थित न्यू गुवाहाटी गुड्स शेड तक मिश्रित सामान्य माल की एक खेप पहुंचाई गई। इस ट्रैफिक के जरिए होने वाली कमाई करीब 1.35 लाख रुपये रही। ठाकुर ने बताया कि माल ढुलाई पर जोर देने के सिलसिले में कॉनकोर इंडिया ने मुंद्रा पोर्ट - खाटूवास और पीपावाव पोर्ट - खाटूवास के बीच दैनिक आधार पर डबल स्टैक कंटेनर ट्रेनों की निर्धारित राउंड ट्रिप का परिचालन शुरू किया है। 55 किलोमीटर प्रति घंटे की लक्ष्य गति के साथ इन यात्राओं की दूरी क्रमशः 996 किलोमीटर और 1085 किलोमीटर है। इसके अंतर्गत गिरनार नाम की पहली ट्रेन 17 सितम्बर, 2020 को पिपावाव बंदरगाह से खाटूवास के लिए रवाना हुई। ये कंटेनर ट्रेन सेवाएं निर्दिष्ट रेल मार्ग पर अतिरिक्त उपलब्ध समय पर चलने वाली सेवाएं हैं। ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 19 सितम्बर, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 1.29 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 552 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 43.35 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 91 दूध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें लगभग 69 हजार टन भार था और वैगनों का 100% उपयोग हुआ। इसी तरह 419 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियां 42 हजार टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अलावा 19 हजार टन भार वाले 42 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये। 22 मार्च से 19 सितम्बर, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 15,415 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 32.43 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 30,279 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 15,127 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 15,152 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन/रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये। 20 सितम्बर, 2020 को तीन पार्सल विशेष ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस - जम्मू तवी और ओखा- न्यू गुवाहाटी विशेष ट्रेनों के अलावा पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए एक दूध स्पेशल ट्रेन शामिल हैं। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान लगभग 2633 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 2233 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 19 सितम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 431.77 करोड़ रुपये की रिफंड राशि की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 208 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 66.96 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप-hindusthansamachar.in

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