यूजर्स डिपो मॉड्यूल के क्रियान्वयन के जरिये डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में पश्चिम रेलवे अग्रणी

यूजर्स डिपो मॉड्यूल के क्रियान्वयन के जरिये डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में पश्चिम रेलवे अग्रणी
यूजर्स डिपो मॉड्यूल के क्रियान्वयन के जरिये डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में पश्चिम रेलवे अग्रणी

पश्चिम रेलवे ने भारतीय रेलवे पर 237 करोड़ रुपए का सर्वाधिक लेन-देन किया मुंबई, 24 दिसम्बर, (हि. स.)। डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा सभी विभागों में यूजर्स डिपो मॉडल (यू डी एम) का 100% क्रियान्वयन पूर्ण कर लिया गया है। इस मॉड्यूल के क्रियान्वयन का उद्देश्य कंसाइनी एंड तक सप्लाई चैन मैनेजमेंट का डिजिटलाइजेशन पूर्ण करना तथा भारतीय रेलवे के मौजूदा ई प्रोक्योरमेंट सिस्टम (IREPS) को और अधिक सूचनाप्रद, उपयोगी और पारदर्शी बनाना है। यह उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्राप्त की गई है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार यूजर्स डिपो मॉड्यूल (यूडीएम) रेलवे के सभी विभागों के उपयोगकर्ताओं को लेजर्स, डिमांड्स आदि तैयार करने तथा आईपास मॉड्यूल के जरिये सप्लायरों को ऑनलाइन भुगतान करने में सहायता करता है। यू डी एम न केवल एवरेज एनुअल कंजंक्शंस (ए ए सी) की गतिशील समीक्षा में सहायक है, बल्कि अनुमानित मांगों के सटीक विश्लेषण द्वारा नुकसान को रोकते हुए सरकारी निधि की बचत भी करता है। साथ ही, इससे सिस्टम में पारदर्शिता भी अधिक आई है। इस मॉड्यूल के जरिए पश्चिम रेलवे द्वारा अब तक कुल 237 करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व में मुख्य भंडार डिपो से सामग्रियों के जारी होने के बाद अंतिम उपयोगकर्ताओं के पास उपलब्ध सामग्रियों के स्टॉक और सामग्रियों की खपत के प्रवाह को जानना मुश्किल था, परंतु यू डी एम के क्रियान्वयन ने इस अंतर को ख़त्म कर दिया है जिससे उपयोगकर्ताओं के पास उपलब्ध सामग्रियों की वास्तविक जानकारी प्राप्त हो जाती है। ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे ने पिछली प्रणाली की सीमाओं को पहचान कर सूचना उपलब्धता में सुधार लाने एवं कई श्रम गहन मैनुअल प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए रेलवे बोर्ड को एंड-टू-एंड डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए सुझाव दिया, जिससे विभिन्न प्रबंधकीय चरणों में निर्णय लेने में सुविधा होगी। रेलवे बोर्ड ने पश्चिम रेलवे द्वारा दिए गए सुझावों पर सहमति व्यक्त की और भारतीय रेलवे में लागू होने से पहले प्रथम चरण में नामांकित डिपो में यूडीएम के बीटा वर्जन का परीक्षण करने के लिए मई, 2020 में पश्चिम रेलवे को नामित किया। यूडीएम के कार्यान्वयन के लिए पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक को, पश्चिम रेलवे के सभी विभागों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी के तौर पर नामित किया गया था। अंत में, इस मॉड्यूल को पश्चिम रेलवे द्वारा सफल परीक्षण कार्यान्वयन के बाद रेलवे बोर्ड द्वारा सितम्बर, 2020 में सभी रेलों में कार्यान्वयन के लिए आगे बढ़ने के लिए अनुमति दी गई। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप-hindusthansamachar.in

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