मध्य रेल ने सितंबर 2019 से अब तक 605 स्टाफ की शिकायतों का किया निपटान
मध्य रेल ने सितंबर 2019 से अब तक 605 स्टाफ की शिकायतों का किया निपटान

मध्य रेल ने सितंबर 2019 से अब तक 605 स्टाफ की शिकायतों का किया निपटान

डिप्टी स्टेशन मास्टर भायखला के परिवार को रिकॉर्ड 10 दिनों में प्राप्त हुई बकाया राशि मुंबई, 20 अगस्त, (हि. स.)। मध्य रेल ने सितंबर 2019 से अब तक 605 स्टाफ की शिकायतों का निपटान किया है। हाल ही के एक मामले में डिप्टी स्टेशन मास्टर भायखला के परिवार को रिकॉर्ड 10 दिनों में बकाया राशि प्राप्त हुई है। जानकारी के अनुसार राजेश जायसवाल, उप स्टेशन प्रबंधक, बुक्कल म्यूकोसा कैंसर से पीड़ित थे। तेजी से फैलने वाले कैंसर का आखिरी स्टेज में पता चला। वे अपनी लड़ाई हार गए और 8 अगस्त 2020 को उनका देहान्त हो गया। श्रीमती रैली मित्तल,अध्यक्षा, मध्य रेल महिला कल्याण संगठन ने परिवार को 50,000 / - रुपये देकर तुरंत सहायता की। श्रीमती वैशाली जायसवाल, जो अतीत में ओपन हर्ट की सर्जरी से गुजरी हैं, को 45000 / - रुपये की स्टाफ़ बेनिफिट फंड के माध्यम से भी मदद मिली है। मध्य रेल के महाप्रबंधक संजीव मित्तल ने कार्मिक विभाग को ऐसे जटिल मामलों को प्राथमिकता से देखने के निर्देश दिए हैं। डॉ ए.के. सिन्हा, प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी, मध्य रेल, की विशेष स्टाफ शिकायत प्रकोष्ठ शुरू करने में अहम भूमिका है। इन अधिकारियों ने कार्मिक अधिकारियों को विभागों की सीमाओं से परे जाकर कर्मचारियों को अधिकतम लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। यह एक प्रोएक्टिव था, जो सिलोस और एम्पेटेटिक केस को तोड़ता था। वरिष्ठ कल्याण निरीक्षक सुशांत पंडा, जितेंद्र फर्दे और नितिन लोखंडे के सक्रिय प्रयासों से सभी बकाया निपटान और पारिवारिक पेंशन का भुगतान 17 अगस्त 2020 को 10 दिनों (सात कार्य दिवसों) की अवधि के भीतर किया गया है। यह विशेष शिकायत सेल मुश्किल मामलों को हल करता है जो हल नहीं हो रहे हैं। अब तक 20 ऐसे मामले सुलझे हैं। सितंबर 2019 की अवधि के दौरान, मध्य रेल के सभी मंडलों ने अब तक 605 स्टाफ शिकायत मामलों को हल किया है। मध्य रेल ने इन अनिश्चित समय के दौरान कर्मचारियों और उनके परिवारों की चिंताओं को दूर करने के लिए रेल परिवार देख-रेख मुहिम शुरू की है। इसकी रेलवे बोर्ड द्वारा सराहना की गई है और अन्य सभी रेलवे ने इसको अपनाया है। मध्य रेल के सभी रेलवे कर्मचारियों के साथ नियमित संपर्क में रहना है, उनके स्वास्थ्य की स्थिति का रिकॉर्ड रखना (उनके परिवार के सदस्यों सहित), लॉकडाउन और अनलॉक अवधि के दौरान पर्याप्त सहायता प्रदान करना है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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