पश्चिम रेलवे : राजकोट डिवीजन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने सर्वाधिक सिंगल ट्रिप लोडिंग का नया रिकॉर्ड बनाया
पश्चिम रेलवे : राजकोट डिवीजन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने सर्वाधिक सिंगल ट्रिप लोडिंग का नया रिकॉर्ड बनाया

पश्चिम रेलवे : राजकोट डिवीजन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने सर्वाधिक सिंगल ट्रिप लोडिंग का नया रिकॉर्ड बनाया

मुंबई, 15 सितंबर, (हि. स.)। पश्चिम रेलवे के राजकोट स्टेशन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (BDU) ने राजकोट स्टेशन से पश्चिम बंगाल तक 84 हजार किलोग्राम से अधिक आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की अनूठी उपलब्धि हासिल की है। पोरबंदर- शालीमार पार्सल विशेष ट्रेन की सिंगल ट्रिप में यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है, जो उच्चतम सिंगल ट्रिप लोडिंग का एक नया रिकॉर्ड है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे के क्षेत्रीय मुख्यालय और सभी डिवीजनों में नवगठित व्यवसाय विकास इकाइयां (BDU) माल ढुलाई के लिए नये ग्राहकों को आकर्षित करने का सराहनीय काम कर रही हैं। इसी क्रम में, राजकोट डिवीजन के बीडीयू ने ट्रेन नम्बर 00913 पोरबंदर- शालीमार पार्सल विशेष ट्रेन की सिंगल ट्रिप के जरिये 84,140 किलोग्राम आवश्यक सामग्री का परिवहन किया। यह उल्लेखनीय उपलब्धि 14 सितम्बर, 2020 को राजकोट स्टेशन से पश्चिम बंगाल के शालीमार स्टेशन तक की सिंगल ट्रिप में सम्भव हुई। यह लोडिंग राजकोट मंडल के किसी एक स्टेशन से लोडिंग का अब तक का उच्चतम आंकड़ा है। इस ट्रेन में राजकोट, जामनगर और सुरेंद्रनगर स्टेशनों से कुल 98,717 किलोग्राम सामग्री लोड की गई, जिसके कारण राजकोट डिवीजन को लगभग 5.47 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इस पार्सल विशेष ट्रेन में हार्डवेयर, बरतन, ऑटो पार्ट्स, कृत्रिम सामान, कृषि के लिए कीटनाशक, दवाएं, सर्जिकल सामान, सैनिटाइजर आदि जैसी सामग्री भरी गई। यह लोडिंग पश्चिम रेलवे द्वारा उपलब्ध कराये गये विभिन्न प्रोत्साहनों के साथ-साथ सम्भावित ग्राहकों से लगातार बातचीत के कारण सम्भव हुई। 23 मार्च से 14 सितम्बर, 2020 तक राजकोट डिवीजन द्वारा 158 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से लगभग 4,376 टन आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई है, जिसके फलस्वरूप 2 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व हासिल हुआ है। ठाकुर ने बताया कि 14 सितम्बर, 2020 को 5 पार्सल विशेष ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस - जम्मू तवी और पोरबंदर - शालीमार विशेष ट्रेनों तथा पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए एक दूध स्पेशल ट्रेन के अलावा लिंच गुड्स शेड से संकरेल गुड्स यार्ड और करम्बेली से अजारा स्टेशन के लिए चली दो इंडेंटेड ट्रेनें शामिल हैं। 23 मार्च से 13 सितम्बर, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 1.23 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 537 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 41 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 88 दूध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें लगभग 67 हजार टन भार था और वैगनों का 100% उपयोग हुआ। इसी तरह 412 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियां 40 हजार टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अलावा 15 हजार टन भार वाले 37 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये। 22 मार्च से 14 सितम्बर, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 14,814 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा, 31.04 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 29,096 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 14,553 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 14,543 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे पर इन मालगाड़ियों के परिचालन से हासिल कुल राजस्व लगभग 3909 करोड़ रु. रहा है। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान लगभग 2552 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 387 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 2165 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 14 सितम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 428.29 करोड़ रुपये की रिफंड राशि की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 207 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 66.36 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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