पश्चिम रेलवे का महालक्ष्मी वर्कशॉप यूजर डिपो मॉड्यूल लागू करने वाला भारतीय रेलवे का पहला कारखाना बना
पश्चिम रेलवे का महालक्ष्मी वर्कशॉप यूजर डिपो मॉड्यूल लागू करने वाला भारतीय रेलवे का पहला कारखाना बना

पश्चिम रेलवे का महालक्ष्मी वर्कशॉप यूजर डिपो मॉड्यूल लागू करने वाला भारतीय रेलवे का पहला कारखाना बना

मुंबई, 30 सितंबर, (हि. स.)। पश्चिम रेलवे भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदलने के उद्देश्य से डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है और भारतीय रेलवे के डिजिटलाइजेशन मिशन को पूरा करने के लिए हरसम्भव बेहतरीन कदम उठा रही है। इसी क्रम में रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन एंड रोलिंग स्टॉक) पीसी शर्मा ने भौतिक लेनदेन के यूजर डिपो मॉड्यूल (यूडीएम) को 28 सितम्बर, 2020 को लॉन्च किया, जो पश्चिम रेलवे के महालक्ष्मी कारखाने से डिजिटल तौर पर रोल आउट किया गया। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के प्रेरक नेतृत्व और अमूल्य सहयोग के कारण सम्भव हो पाई है। कोविड लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल और प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक ज्योति प्रकाश पांडे के ऊर्जावान मार्गदर्शन में सुधार के बेहतरीन अवसरों के रूप में उपयोगकर्ता के लिए स्टोर कीपिंग के डिजिटलीकरण की आवश्यकता और अवधारणा पहली बार पश्चिम रेलवे में विकसित की गई थी। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पश्चिम रेलवे के महालक्ष्मी कारखाने में में पहली बार उपयोगकर्ता डिपो मॉड्यूल लॉन्च किया गया था। लगभग 450 उपयोगकर्ता डिपो कंसाइनर्स हैं, जो दिसम्बर, 2020 तक पश्चिम रेलवे में उपयोगकर्ता डिपो मॉड्यूल के साथ ऑन-बोर्ड होंगे। इसके बाद, भारतीय रेलवे के सभी क्षेत्रों में जल्द ही इस प्रणाली को लागू किया जायेगा। ठाकुर ने बताया कि स्टोर डिपो तक रेलवे की आपूर्ति श्रृंखला पहले से ही डिजिटल हो चुकी है, हालांकि उपयोगकर्ता की ओर से गतिविधियां मैन्युअल रूप से की जा रही हैं। इस प्रणाली के कार्यान्वयन से वास्तविक समय के लेन-देन और सभी हितधारकों के बीच ऑनलाइन सूचना विनिमय के साथ काम करने वाले मैनुअल से डिजिटल रूप में परिवर्तन होगा। यह उपयोगकर्ता डिपो सहित पूर्ण आपूर्ति श्रृंखला के डिजिटलीकरण को सुनिश्चित करेगा। प्रणाली में सुधार परिसम्पत्ति प्रबंधन के अलावा अर्थव्यवस्था, दक्षता और पारदर्शिता की सुविधा भी सुनिश्चित होगी। यह बेहतर सेवा स्तर और ग्राहकों की संतुष्टि को भी सुनिश्चित करेगा। ठाकुर ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने इस प्रणाली के परीक्षण के लिए पश्चिम रेलवे को नामित किया था। उल्लेखनीय है कि इस प्रणाली को पश्चिम रेलवे ने प्रत्येक स्टॉक और गैर-स्टॉक वस्तुओं के लिए ऑनलाइन डायनेमिक एएसी समीक्षाओं के साथ व्यय में बचत के लिए एक उपकरण के रूप में सुझाया था। इस मॉड्यूल को सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) के सहयोग से विकसित किया गया है। उल्लेखनीय है कि महालक्ष्मी कार्यशाला जुलाई, 2019 में पूरे भारतीय रेलवे में "जीरो स्क्रैप वर्कशॉप" के रूप में घोषित की जाने वाली पहली कार्यशाला थी। अब, इसने यू डी एम लागू करने वाली भारतीय रेलवे की पहली कार्यशाला के रूप में अपनी झोली में एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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