दूध पर अनुदान देने की मांग को लेकर महायुति ने किया राज्यव्यापी आंदोलन
दूध पर अनुदान देने की मांग को लेकर महायुति ने किया राज्यव्यापी आंदोलन

दूध पर अनुदान देने की मांग को लेकर महायुति ने किया राज्यव्यापी आंदोलन

मुंबई, 01 अगस्त (हि. स.)। भाजपा के नेतृत्व में महायुति में शामिल घटक दलों ने दूध की कीमतों को लेकर शनिवार को राज्यव्यापी आंदोलन किया। भाजपा का दावा है कि आंदोलन को दूध उत्पादकों का प्रचंड प्रतिसाद मिला। आंदोलन में भाजपा, भाजपा, रैयत क्रांति, आरएसपी और रिपब्लिकन पार्टी (ए) शामिल थे। महायुति की प्रमुख मांग है कि दूध उत्पादक किसानों के बैंक खाते में दूध पर प्रति लीटर 10 रुपए अनुदान सीधे जमा किया जाए। इसी तरह दूध पावडर पर 50 रुपए प्रति किलो अनुदान दिया जाए। राज्यव्यापी आंदोलन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विधायक चंद्रकांत पाटिल, विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, वरिष्ठ नेता हरिभाऊ बागडे, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, गिरीश महाजन, राधाकृष्ण विखे पाटिल, सदाभाऊ खोत, महादेव जानकर आदि ने आंदोलन का नेतृत्व किया।लोकमान्य तिलक और साहित्य रत्न अन्ना भाऊ साठे की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर आंदोलन की शुरुआत की गई। सड़क जाम की गई और महाविकास आघाड़ी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विधायक चंद्रकांत दादा पाटिल ने पुणे के मावल तहसील में आंदोलन में भाग लिया। आरएसपी प्रमुख महादेव जानकर और रैयत क्रांति प्रमुख सदाभाऊ खोत ने पंढरपुर में आंदोलन का नेतृत्व किया। पंढपुर में दूध से विट्ठल की मूर्ति का अभिषेक किया गया। यदि राज्य सरकार ने दुग्ध उत्पादकों की मांगों को नहीं माना तो पूर्व मुख्यमंत्री व विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने दुग्ध उत्पादकों की विभिन्न मांगों को लेकर महायुति द्वारा फिर से 20 जुलाई को राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी गई है। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों की मांगों को लेकर दुग्ध विकास मंत्री ने एक बैठक बुलाई थी। हालांकि राज्य सरकार कोई निर्णय नहीं ले सकी। महाराष्ट्र में किसानों का संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सरकार ने विभिन्न संकटों में किसानों को राहत नहीं दी है। किसानों को बैंक ऋण से इनकार, नकली सोयाबीन बीज के कारण दोहरी बुवाई, यूरिया उर्वरक की काला बाजारी, कोंकण में निसर्ग तूफान से नुकसान, कई स्थानों पर भारी बारिश के कारण फसल को नुकसान आदि मामलों में सरकार लोगों को राहत नहीं दे पाई है। दूध की कीमतों में गिरावट के कारण, दूध उत्पादक किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय / राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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