डंपिंग ग्राउंड की जमीन पर बनाई अवैध इमारत, टूटने से बचाने के लिए लगाया स्कूल का बोर्ड
डंपिंग ग्राउंड की जमीन पर बनाई अवैध इमारत, टूटने से बचाने के लिए लगाया स्कूल का बोर्ड

डंपिंग ग्राउंड की जमीन पर बनाई अवैध इमारत, टूटने से बचाने के लिए लगाया स्कूल का बोर्ड

मुंबई, 04 जुलाई, (हि. स.)। पालघर जिले की वसई विरार शहर मनपा (वीवीएमसी) क्षेत्र में डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित जमीन पर किए गए अवैध निर्माण पर मनपा ने शनिवार को तोड़क कार्रवाई की है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान भारी बारिश के बीच मनपा की तोड़क कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है। वीवीएमसी, लॉकडाउन के दौरान हुए सभी अवैध निर्माण तोड़ने की बात कह रही है, तो इस मामले में शिकायतकर्ता ने मनपा पर दिखावटी कार्रवाई का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार नालासोपारा पूर्व अग्रवाल नगरी स्थित सर्वे क्रमांक 22, 23, 24 25, 26, 27 की जमीन डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित है। पर, इस भूखंड पर बिल्डरों ने कब्जा कर कई अवैध इमारतें खड़ी कर दी हैं। स्थानीय नागरिकों की शिकायत पर इन इमारतों पर वीवीएमसी ने कई बार कार्रवाई की है, लेकिन फिर से यह इमारतें बना ली गईं। शनिवार को डंपिंग ग्राउंड में बनी जिस इमारत पर मनपा ने तोड़क कार्रवाई शुरू की है। इसी जगह बनी चार मंजिला इमारत को मनपा ने तोड़ा था। लेकिन लॉकडाउन के तीन महीनों में फिर से इमारत खड़ी हो गई। सर्वे क्रमांक 22, 23,24,25 26 व 27 में लगभग 55 एकड़ जमीन है। जो डंपिंग ग्राउंड के लिए रिजर्व रखी गई थी। आरोप है कि इस जमीन पर तत्कालीन नगरसेवक सीताराम गुप्ता ने कब्जा कर लिया और चार-चार मंजिल की अवैध इमारतें बनाकर लोगों को बेच दी। उस वक्त तत्कालीन आयुक्त ने कहा कि जिन इमारतों में लोग रहते हैं, उन्हें नहीं तोड़ा जायेगा। इसलिये इन इमारतों पर कार्रवाई नहीं की गई। हाल में ही लॉकडाउन के दौरान यह इमारत पूरी तरह बनाकर तैयार कर ली गई। जब एक स्थानीय रहिवासी जयेश मेहता ने इसकी शिकायत कोंकण आयुक्त, कलेक्टर, कोंकण रेंज आईजी, पालघर एसपी व वसई-विरार मनपा आयुक्त से की, तो गुप्ता ने बिल्डिंग पर कोर्ट से स्टे ले लिया। ताकि कार्रवाई न हो। 20 मार्च को स्टे की तारीख खत्म हो गई थी। उसके बाद लॉकडाउन हो गया। इसलिए गुप्ता को दोबारा स्टे नहीं मिला। इमारत पर कार्रवाई न हो, इसलिए उसपर स्कूल का बोर्ड लगा दिया। शनिवार को मनपा आयुक्त के आदेश पर सहायक आयुक्त मनाली शिंदे भारी बारिश के बीच अपने तोड़ू दस्ते के साथ वहां पहुंचीं और इमारत पर तोड़क कार्रवाई शुरू की। मनपा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान हुए सभी अवैध निर्माण तोड़े जाएंगे। वहीं शिकायतकर्ता ने कहा कि मनपा सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रही है। मूल स्ट्रक्चर को नहीं तोड़ा जा रहा है। मामले में पूर्व नगरसेवक सीताराम गुप्ता ने बताया कि इमारत उनकी नहीं है, बल्कि उनके भजीते की है। तोड़क कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। क्षेत्र में और भी अवैध निर्माण हुए हैं, आखिर इसी इमारत पर ही तोड़क कार्रवाई क्यों की जा रही है। तोड़क कार्रवाई से पहले किसी तरह का नोटिस भी नहीं दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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