किफायती सिनेमाघरों के निर्माण के लिए महाराष्ट्र सरकार करेगी पहल
किफायती सिनेमाघरों के निर्माण के लिए महाराष्ट्र सरकार करेगी पहल

किफायती सिनेमाघरों के निर्माण के लिए महाराष्ट्र सरकार करेगी पहल

मुंबई, 05 नवम्बर (हि.स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि आगामी दिनों में सिनेमाघरों व मनोरंजन क्षेत्र के महत्व को देखते हुए राज्य में किफायती सिनेमाघरों का निर्माण करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को फिल्म व मनोरंजन के लिए प्रस्तावित नीति बनाने के लिए आयोजित किए गए तीन दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि माना जाता है, सिनेमा और नाटक समाज का आइना होते हैं। क्योंकि जो समाज मे घटित होता है, उसका प्रतिबिंब हमें सिनेमा के जरिए दिखाई देता है। महाराष्ट्र में अलग अलग विषयों पर निर्माण हो रही कलाकृतियां गांवों तक पहुंचाने के लिए आनेवाले समय में महाराष्ट्र में 'किफायती सिनेमाघर' निर्माण करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रयास किया जाएगा। महाराष्ट्र सिनेमा रंगभूमि और सांस्कृतिक विकास महामंडल की ओर से 5 से 7 नवंबर के बीच 'पॅनोरमा इन्वीशनिंग फिल्म मीडिया एन्ड एन्टरटेनमेन्ट पॉलिसी फॉर महाराष्ट्र' इस विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाईन चर्चासत्र का आयोजन किया गया है। इस चर्चासत्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, मनोरंजन यह एकमात्र ऐसा माध्यम है जहां हम अपने दुख कुछ क्षणों के लिए ही सही भूल जाते हैं। मनोरंजन क्षेत्र मनोरंजन के साथ साथ समाज प्रबोधन का काम भी करता है। इस क्षेत्र के कारण अच्छा समाज निर्माण होने में मदद होती है। इसलिए महाराष्ट्र में रहनेवाले हरेक व्यक्ति को इस क्षेत्र का आनंद मिल सके, इसलिए 'किफायती सिनेमाघरों' का निर्माण करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रयास किया जाएगा। राज्य सरकार का कोई संदेश आम जनता तक पहुंचाने के लिए कलाकार उत्तम साधन होते हैं, क्योंकि समाज में कलाकारों की लोकप्रियता और उनके मन में स्थान होता है। महाराष्ट्र के कलाकारों के साथ राज्य सरकार हमेशा है और उन्हें ताकत दिलाने का काम सरकार की ओर से किया जाएगा। आज हिंदी और अन्य भाषाओं के साथ साथ मराठी भाषा में भी उत्तम फिल्मों का निर्माण हो रहा है. लेकिन कई बार एक दिन अनेक फ़िल्म प्रदर्शित होने के कारण मराठी सिनेमा के लिए सिनेमाघरों में शो नहीं मिलते जिससे फिल्मों का नुकसान होता है। लिहाजा मराठी फिल्मों के लिए शो आरक्षित रखने के संदर्भ में भी राज्य सरकार पहल करेगी। आने वाले समय में महाराष्ट्र में सभी प्रकार के शूटिंग के लिए अच्छी जगह विकसित करना, नई तकनीकों लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। मुंबई में दादासाहेब फालके चित्रनगरी में आगामी समय में सुधार करने पर जोर दिया जाएगा। इस चर्चासत्र में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारणमंत्री प्रकाश जावडेकर ने वीडियो संदेश द्वारा इस उपक्रम की सराहना की। मुंबई को सांस्कृतिक राजधानी के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे में सिनेमा, मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के लिए नीति बनाने के लिए पुख्ता सूचनाएं मिलेगी, ऐसा विश्वास उन्होंने जताया। सांस्कृतिक कार्य मंत्री अमित देशमुख ने कहा कि, महाराष्ट्र भारतीय सिनेमा जगत का जन्मस्थान है। सिनेमा और मनोरंजन क्षेत्र में महाराष्ट्र हमेशा अग्रणी रहा है। सिनेमा व मनोरंजन क्षेत्र के लिए पॉलिसी हो, इस मुख्य उद्देश्य से तीन दिवसीय चर्चासत्र का आयोजन किया गया है। इस चर्चासत्र का उद्देश्य इस क्षेत्र में महाराष्ट्र का अग्रस्थान मजबूत करना, राज्य में सिनेमा निर्मिति और मनोरंजन माध्यम केंद्र प्रस्थापित करना और इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी को बढ़ावा देना है। शूटिंग केंद्र बनाना, सिनेमा माध्यम और मनोरजंन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना, सिनेमा माध्यम व मनोरंजन क्षेत्र के विकास के लिए सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराना, प्रादेशिक सिनेमा निर्माण को बढ़ावा देना, सिनेमा व मनोरंजन क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देना आदि सर्वांगीण विषयों का इसमें समावेश होगा। राज्यमंत्री राजेंद्र पाटिल यड्रावकर समेत मुख्य सचिव संजय कुमार, सांस्कृतिक कार्य विभाग के सचिव सौरभ विजय, महाराष्ट्र सिनेमा रंगभूमि और सांस्कृतिक विकास महामंडल की प्रबंध निदेशक मनीषा वर्मा, सह निदेशक आंचल गोयल, निर्माता निदेशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा, निर्माता सिध्दार्थ रॉय कपूर, टी.पी.अग्रवाल. अभिनेता आदेश बांदेकर, अभिनेते सुबोध भावे समेत इस चर्चासत्र में सिनेमा जगत के प्रतिनिधि और कई नामचीन विशेषज्ञ शामिल हुए। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय-hindusthansamachar.in

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