लॉकडाउन के बावजूद पश्चिम रेलवे ने माल यातायात से हासिल की 2482 करोड़ रु. की आय
लॉकडाउन के बावजूद पश्चिम रेलवे ने माल यातायात से हासिल की 2482 करोड़ रु. की आय

लॉकडाउन के बावजूद पश्चिम रेलवे ने माल यातायात से हासिल की 2482 करोड़ रु. की आय

मुंबई, 21 जुलाई, (हि. स.)। 22 मार्च, 2020 से लागू पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान आंशिक लॉकडाउन के दौरान सबसे कठिन चुनौतियों और श्रमशक्ति की कमी के बावजूद, पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी मालवाहक ट्रेनों के जरिये देश भर में अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन सुनिश्चित किया जा रहा है। पश्चिम रेलवे द्वारा 22 मार्च, 2020 से 19 जुलाई, 2020 तक मालगाड़ियों के 9624 रेक लोड करके काफी सराहनीय कार्य किया गया है, जिनके माध्यम से 2482 करोड़ रु. से अधिक की उल्लेखनीय आमदनी हासिल की गई है। इनमें पीओएल के 10 44, उर्वरकों के 1573, नमक के 527, खाद्यान्नों के 98, सीमेंट के 720, कोयले के 385, कंटेनरों के 4617 और सामान्य माल के 46 रेकों सहित कुल 19.51 मिलियन टन भार वाली विभिन्न मालगाड़ियों को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया। इनके अलावा मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों के विभिन्न रेक दवाइयों, चिकित्सा किट, जमे हुए भोजन, दूध पाउडर और तरल दूध जैसी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में भेजे गये। कुल 18,871 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 9427 ट्रेनें सौंपी गईं और 9444 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इस अवधि के दौरान जम्बो के 1255 रेक, BOXN के 658 रेक और BTPN के 539 रेकों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण आवक रेकों की अनलोडिंग पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर मजदूरों की कमी के बावजूद सुनिश्चित की गई। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च, 2020 से 19 जुलाई, 2020 तक लगभग 80 हजार टन वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 409 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली कमाई 25.26 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान 60 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 45 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 7.80 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी प्रकार, 29 हजार टन से अधिक भार वाली 337 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 14.88 करोड़ रुपये से अधिक रहा। इनके अलावा, 4355 टन भार वाले 12 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 2.58 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में समयबद्ध पार्सल विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का सिलसिला लगातार जारी रखा है। इनमें से तीन पार्सल स्पेशल ट्रेनें पश्चिम रेलवे से 20 जुलाई, 2020 को रवाना हुईं, जिनमें से पहली बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी के लिए, दूसरी पोरबंदर से शालीमार के लिए और तीसरी विशेष दूध रेक पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई। इस बीच, एक महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, 21 जुलाई, 2020 को छूटने वाली ट्रेन नम्बर 00931देवास- लखनऊ पार्सल विशेष ट्रेन अपरिहार्य कारणों से निरस्त कर दी गई है। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान 1797 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 265 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1532 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 19 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 398.79 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 190.64 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 61.27 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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