पश्चिम रेलवे की 389 पार्सल विशेष ट्रेनों से 73 हजार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

पश्चिम रेलवे की 389 पार्सल विशेष ट्रेनों से 73 हजार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन
पश्चिम रेलवे की 389 पार्सल विशेष ट्रेनों से 73 हजार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

मुंबई, 09 जुलाई, (हि. स.)। कोरोना महामारी के मद्देनजर कठिनतम परिस्थितियों के बावजूद देश के विभिन्न गंतव्यों के लिए अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन की अनूठी पहल के अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा पार्सल विशेष ट्रेनों के बड़े पैमाने पर परिचालन का महत्त्वपूर्ण सिलसिला लगातार जारी है, जिनके माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता को बखूबी निभाया जा रहा है। पश्चिम रेलवे द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 8 जुलाई, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 73,000 टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को 389 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली आय लगभग 23.43 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान, 55 दूध विशेष रेलगाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें लगभग 41 हजार टन भार था और वैगनों के 100% उपयोग के फलस्वरूप अनुमानित राजस्व 7.13 करोड़ रुपये रहा। इसी तरह, 27,700 टन से अधिक भार वाली 324 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 14.14 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 4355 टन तक ले जाने वाले 10 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे 2.16 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 8 जुलाई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, 17.65 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 8598 रेक का उपयोग किया गया है। 16,915 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया है, जिनमें 8466 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 8449 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 391 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान, लगभग 1649 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 241 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्रों के लिए लगभग 1408 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 8 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 388.34 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 184.83 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 59.62 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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