पश्चिम रेलवे : 431 पार्सल विशेष ट्रेनों से 86,700 टन से अधिक अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन
पश्चिम रेलवे : 431 पार्सल विशेष ट्रेनों से 86,700 टन से अधिक अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

पश्चिम रेलवे : 431 पार्सल विशेष ट्रेनों से 86,700 टन से अधिक अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

मुंबई, 31 जुलाई, (हि. स.)। पश्चिम रेलवे ने राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ, बड़े पैमाने पर यह सुनिश्चित करना जारी रखा है कि कोरोना महामारी के इस कठिन समय के दौरान, देश भर में आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाती रहें। उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे दूध, दवाइयों, खाद्यान्नों और चिकित्सा उपकरणों सहित आवश्यक वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति करके राष्ट्र के प्रति योगदान करने में हमेशा अग्रणी रही है। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन अवधि के दौरान विभिन्न समयबद्ध पार्सल विशेष रेलगाड़ियां चलाने का सिलसिला लगातार जारी रखा है। इनमें से कुल तीन पार्सल स्पेशल ट्रेनें 30 जुलाई, 2020 को बांद्रा टर्मिनस - जम्मू तवी और कांकरिया- कटक स्पेशल ट्रेनों सहित पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जबकि एक दूध विशेष ट्रेन पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए चलाई गई। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार, 23 मार्च, 2020 से 29 जुलाई, 2020 तक लगभग 86,700 टन वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 431 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली कमाई 27.53 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान 65 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 49000 टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 8.47 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी प्रकार, 31,000 टन से अधिक भार वाली 351 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 15.74 करोड़ रुपये से अधिक रहा। इनके अलावा, 6493 टन भार वाले 15 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 3.33 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 29 जुलाई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 10,590 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 21.64 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 20,744 मालवाहक ट्रेनों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ कनेक्ट किया गया, जिनमें 10,360 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 10,384 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान 1932 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 287 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1645 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च, 2020 से 29 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 406.56 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 194.96 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 62.50 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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