पश्चिम रेलवे : 374 पार्सल विशेष ट्रेनों से 68,600 टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन
पश्चिम रेलवे : 374 पार्सल विशेष ट्रेनों से 68,600 टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

पश्चिम रेलवे : 374 पार्सल विशेष ट्रेनों से 68,600 टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

मुंबई, 03 जुलाई, (हि. स.)। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पश्चिम रेलवे की टाइम टेबल्ड पार्सल स्पेशल ट्रेनें निरंतर चल रही हैं, जिनके माध्यम से पश्चिम रेलवे देश भर में चिकित्सा उपकरणों, दवाइयों, खाद्यान्नों आदि जैसे अधिकांश आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की जिम्मेदारी बखूबी निभाकर अपने ग्राहकों की जरूरतों के लिए अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता को साबित कर रही है। इनके अलावा पश्चिम रेलवे अपनी दूध विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में दूध और दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति भी लगातार सुनिश्चित कर रही है। इसी क्रम में बांद्रा टर्मिनस और लुधियाना के बीच पहले से अधिसूचित पार्सल स्पेशल ट्रेन को अब मांग के अनुसार, अलवर और रेवाड़ी स्टेशनों पर दो अतिरिक्त ठहराव दोनों दिशाओं में प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि ट्रेन नम्बर 00901/00902 बांद्रा टर्मिनस - लुधियाना - बांद्रा टर्मिनस पार्सल स्पेशल ट्रेन 30 जुलाई, 2020 तक हर दूसरे दिन चलने वाली है। साथ ही ट्रेन नम्बर 00902 का एक अतिरिक्त फेरा 1 अगस्त, 2020 को चलाने का निर्णय लिया गया है। पश्चिम रेलवे द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 1 जुलाई, 2020 तक, 68,600 टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 374 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से ले जाया गया है, जिनमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाएं, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न आय लगभग 21.99 करोड़ रु रही है। इसके अंतर्गत इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 51 दूध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें 38 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 6.59 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह, 26,700 टन से अधिक भार वाली 315 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 13.65 करोड़ रुपये था। इनके अलावा, 3534 टन भार वाले 8 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 1.76 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 1 जुलाई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 16.42 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए मालगाड़ियों के कुल 7966 रेकों का उपयोग किया गया है। 15,687 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ जोड़ा गया है, जिनमें 7859 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 7828 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 375 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन अवधि के दौरान विभिन्न समयबद्ध पार्सल विशेष ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया है। इनमें से दो पार्सल स्पेशल ट्रेनें 2 जुलाई को पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें पहली ट्रेन बांद्रा टर्मिनस से लुधियाना और दूसरी पालनपुर से हिंद टर्मिनल तक दूध रेक के रूप में चलाई गई। इस बीच असम के कामरूप क्षेत्र में पूर्ण लॉकडाउन के कारण, ट्रेन नम्बर 00949 ओखा - गुवाहाटी पार्सल विशेष ट्रेन की 5, 8 और 12 जुलाई, 2020 की सेवाओं को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान मार्च, 2020 से 1 जुलाई, 2020 तक 1554 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिनमें उपनगरीय खंड के लिए 225.81 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1328.69 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 380.11 करोड़ रु. की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 180.30 करोड़ रुपये से अधिक की रिफंड अदायगी सुनिश्चित की है। अब तक, 58.30 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in