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पश्चिम रेलवे ने लॉकडाउन से अबतक 2.74 लाख टन सामग्रियों का परिवहन किया

मुंबई, 03 मार्च, (हि.स.)। भारतीय रेलवे माल लदान और राजस्व में वृद्धि के लिए प्रयासरत रही है। इसी दिशा में पश्चिम रेलवे अपने माल व्यवसाय को बेहतर ढंग से बढ़ाने के प्रयास कर रही है। व्यवसाय के नये अवसरों की तलाश के लिए भावी ग्राहकों के साथ नियमित बैठकें की जाती हैं। लदान को सुविधाजनक बनाने के साथ ही श्रमिकों को आराम करने के लिए जगह प्रदान करने हेतु पश्चिम रेलवे के विभिन्न गुड्स शेडों को भी विकसित किया जा रहा है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, गुड्स शेड विकसित करने के क्रम में वडोदरा मंडल के रानोली गुड्स शेड में एक मॉडल विश्राम कक्ष निर्मित किया गया है। इस गुड्स शेड में श्रमिक विश्राम कक्ष के साथ पालनाघर भी है। उल्लेखनीय है कि वड़ोदरा मंडल के रानोली गुड्स शेड में लोडिंग/अनलोडिंग गतिविधियों में कार्यरत कुल मजदूरों में से एक तिहाई महिला श्रमिक हैं। मॉडल बिल्डिंग में तीन कमरे हैं। पहला एक लेडीज रेस्ट रूम सह पालनाघर है। इस कमरे में एक बेबी नर्सिंग कॉर्नर, खिलौने, ब्लैकबोर्ड, किताबें और अटैच्ड टॉयलेट है। दूसरा कमरा पुरुष श्रमिकों के लिए है, जिसमें फर्नीचर, अग्निशामक, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स आदि उपलब्ध कराये गये हैं। तीसरा कमरा ग्राहकों के लिए है और इसमें फर्नीचर के अलावा इसकी दीवारों पर विभिन्न मालभाड़ा प्रोत्साहन योजनाओं को प्रदर्शित करने वाले पोस्टर लगाये गये हैं। ठाकुर ने बताया कि वडोदरा मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (BDU) द्वारा दो नई सामग्रियों को डील किया गया है, जिनमें वड़ोदरा के हजीरा से उत्तर प्रदेश के खुर्जा के लिए क्लिंकर यातायात और दहेज से असम के देकारगांव के लिए स्टील पाइप यातायात शामिल हैं। क्लिंकर के लिए कंसाइनी मेसर्स कनोडिया सीमेंट लिमिटेड था और पश्चिम रेलवे ने इस कंसाइनमेंट के जरिये 71 लाख रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया। दूसरा लदान स्टील पाइपों का था, जिसमें 2698 किलोमीटर के परिवहन के साथ 53.61 लाख रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई। ठाकुर बताया कि 1 अप्रैल, 2020 से 1 मार्च, 2021 तक पश्चिम रेलवे का माल लदान पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 71.92 मिलियन टन की तुलना में 73.60 मिलियन टन रहा है। यह वृद्धि देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद हासिल की गई है। 23 मार्च, 2020 से 1 मार्च, 2021 तक पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 940 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से लगभग 2.74 लाख टन वजन की सामग्रियों का परिवहन किया गया है, जिसके अंतर्गत मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से राजस्व लगभग 97.23 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 173 मिल्क विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें वैगनों का शत-प्रतिशत उपयोग करते हुए लगभग 1.28 लाख टन का लदान किया गया। इसी प्रकार, 76 हजार टन से अधिक भार वाली 602 कोविड-19 पार्सल विशेष ट्रेनें भी विभिन्न अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अतिरिक्त, लगभग शत-प्रतिशत उपयोग के साथ 50 हजार टन का भार वहन करने वाले 111 इंडेंटेड रेक भी चलाये गये। 19 हजार टन से अधिक का भार वहन करने वाली 54 किसान रेल स्पेशल ट्रेनें अब तक चलाई गई हैं। लॉकडाउन की अवधि के दौरान 22 मार्च, 2020 से 1 मार्च 2021 तक पश्चिम रेलवे द्वारा 72.88 मिलियन टन की अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए माल गाड़ियों के कुल 32,926 रेकों का उपयोग किया गया है। अन्य जोनल रेलों के साथ 67,989 मालगाड़ियों को इंटरचेंज किया गया है, जिनमें 34,035 ट्रेनों को हैंडओवर किया गया और 33,954 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर टेकओवर किया गया। 2 मार्च, 2021 को पश्चिम रेलवे के विभिन्न भागों से चार विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें 2 पार्सल विशेष ट्रेनें शामिल हैं। इनमें एक पार्सल विशेष ट्रेन पोरबंदर से शालीमार और दूसरी बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी के लिए, जबकि एक इंडेंट स्पेशल करम्बेली से न्यू गुवाहाटी तथा एक किसान रेल दहानू रोड से आदर्श नगर के लिए चलाई गई। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप

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