भावनगर कंक्रीट जेट्टी से कोयले का परिवहन शुरू मुंबई, 29 दिसम्बर, (हि. स.)। जोनल मुख्यालय और मंडलों पर गठित पश्चिम रेलवे की मल्टीडिसीप्लिनरी बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) यातायात के नवीनतम स्रोतों को आकर्षित करने के लिए निरंतर अभिनव कदम उठा रही हैैं। ये बिजनेस डेवलपमेंट इकाइयां नये यातायात को आकर्षित करने तथा यातायात की मौजूदा स्ट्रीम में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए गठित की गई हैं। माल परिवहन के पैटर्न को समझने तथा अतिरिक्त माल भाड़े को आकर्षित करने की सम्भावनाओं को तलाशने के लिए भावी ग्राहकों के साथ निरंतर बातचीत की जाती है। रेलवे का उद्देश्य विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान करके यातायात की मौजूदा धारा में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना है। इसी श्रृंखला को जारी रखते हुए, पश्चिम रेलवे के राजकोट डिवीजन ने राजकोट गुड्स शेड से केरल के तिरुनवाया तक चने की लोडिंग करके एक और नई उपलब्धि हासिल की है। भावनगर डिवीजन भी 4 साल के अंतराल के बाद कोयले के परिवहन को पुनः शुरू करने में सफल रहा है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि रेलवे के अधिकारी रेल द्वारा नई वस्तुओं के परिवहन की सम्भावनाएं तलाशने के लिए नियमित सर्वेक्षण कर रहे हैं। इस क्रम में, व्यापारियों से सम्पर्क किया गया और उन्हें रेल द्वारा माल परिवहन के फायदों के बारे में बताया गया। बीडीयू द्वारा निरंतर विपणन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। राजकोट डिवीजन के बीडीयू के प्रयासों के कारण, पहली बार राजकोट गुड्स शेड से चने का परिवहन किया गया, जिसके अंतर्गत हाल ही में, लगभग 21 वैगनों में 1335 टन चना केरल के तिरुनावाया के लिए रवाना हुआ, जिससे 35 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इस खेप को महावीर दाल मिल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बुक किया गया था। आने वाले दिनों में इस ट्रैफिक के और मजबूत होने की सम्भावना है। इसी तरह, भावनगर डिवीजन के बीडीयू ने भावनगर कंक्रीट जेट्टी से मैसर्स गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइज़र एंड केमिकल्स लिमिटेड साइडिंग (GNVS) को 480 किमी की दूरी के साथ कोयला पहुंचाया। इस लोडिंग के माध्यम से वर्तमान में प्रति रेक 43.94 लाख रुपये राजस्व मिल रहा है, जबकि ट्रैफिक प्रोजेक्शन प्रति माह 4 रेक है। यह अनुबंध BDU टीम के निरंतर प्रयासों के कारण सम्भव हुआ, और इस तरह कोयले की लोडिंग को लगभग 4 वर्षों के अंतराल के बाद पुन: शुरू किया गया। पहला रेक मैसर्स यशवी कोल एंड मिनरल्स लिमिटेड द्वारा लोड किया गया। भावनगर कंक्रीट जेट्टी में अनुपयोगी सामान की हैंडलिंग सुविधाओं को कोयले की लोडिंग के लिए कार्यात्मक बनाया गया है। ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 27 दिसम्बर, 2020 तक पश्चिम रेलवे द्वारा इसकी 784 पार्सल विशेष गाड़ियों के जरिए 2.14 लाख टन से अधिक वजन की वस्तुओं का परिवहन किया गया, जिनमें प्रमुख रूप से कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली तथा दूध आदि शामिल थे। इस परिवहन के जरिये लगभग 72.80 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त हुआ। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा वैगन की शत-प्रतिशत उपयोगिता सहित लगभग 1.08 लाख टन भार के साथ 142 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इसी प्रकार विविध अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन हेतु 65 हजार टन से अधिक भार सहित 546 कोविड-19 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इनके अलावा, 85 इंडेंटेड रेकों को भी लगभग 38 हजार टन वजन के साथ वैगनों की शत-प्रतिशत उपयोगिता सहित चलाया गया। साथ ही अभी तक 2722 टन के वजन सहित 11 किसान रेलें भी चलाई गईं हैं। 22 मार्च से 27 दिसम्बर, 2020 तक की अवधि के दौरान 57.29 मिलियन टन अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा माल गाड़ियों के कुल 26,027 रेकों का इस्तेमाल किया गया। कुल 53,014 माल गाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर 26,486 गाड़ियों को हैंड ओवर किया गया, जबकि 26,528 गाड़ियों को टेक ओवर किया गया। 28 दिसम्बर, 2020 को पश्चिम रेलवे द्वारा एक पार्सल विशेष ट्रेन देवास से भोपाल के लिए चलाई गई। लॉकडाउन के कारण 3638 करोड़ रुपये का नुकसान : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर राजस्व का कुल नुकसान लगभग 3638 करोड़ रु. रहा है, जिसमें उपनगरीय सेक्शन के लिए 583 करोड रु. और गैर-उपनगरीय सेक्शन के लिए 3055 करोड़ रु. का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 27 दिसम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 556.89 करोड़ रु. से अधिक की रिफंड अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में सिर्फ मुंबई मंडल ने 275 करोड रु. से अधिक राशि की धन वापसी सुनिश्चित की है। अब तक पूरी पश्चिम रेलवे पर लगभग 87.08 लाख यात्रियों ने अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार रिफंड की राशि प्राप्त की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप-hindusthansamachar.in