पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2020-21 में 61.24 मिलियन टन का लदान किया
मुंबई, 13 जनवरी, (हि. स.)। कोविड-19 महामारी के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक 61.24 मिलियन टन का लदान किया गया है तथा पिछले वित्तीय वर्ष की आलोच्य अवधि के संचयी माल लदान आंकड़े को पार कर लिया गया है। यह उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के नेतृत्व एवं मॉनिटरिंग के कारण संभव हो पाई है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण विभिन्न चुनौतियों जैसे श्रमिकों की कमी आदि के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा पिछले वर्ष की आलोच्य अवधि के 61.20 मीट्रिक टन लदान की तुलना में 10 जनवरी, 2021 तक वित्तीय वर्ष 2020-21 में 61.24 मिलियन टन का लदान किया गया है। संपूर्ण लॉकडाउन के कारण अप्रैल-मई, 2020 के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा पिछले वर्ष के 13.10 मीट्रिक टन के लदान की तुलना में मात्र 8.84 मीट्रिक टन का लदान किया जा सका, जो 32.5 प्रतिशत कम है। यह जून से आगे के आंकड़े हैं, जबकि निरंतर प्रयासों के कारण सुधार किया गया तथा 8 जनवरी, 2021 को पिछले वर्ष के माल लदान के आंकड़े 60.72 मीट्रिक टन को पार कर लिया गया। पश्चिम रेलवे द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में 11.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ उर्वरक लदान में उल्लेखनीय निष्पादन दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में सीमेंट लदान में 16.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। लौह एवं स्टील में 93.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। खाद्यान में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में चालू वर्ष में 0.17 मीट्रिक टन से 0.73 मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज हुई है। ऑटो एवं नमक के लदान में वृद्धि दर्ज हुई है। ऑटो एवं नमक के लदान में वृद्धि के कारण अन्य सामानों के लदान में 3.37 की वृद्धि दर्ज की गई है। पश्चिम रेलवे द्वारा वैगन तथा कंटेनर लदान, सीमेंट लदान, नमक, लौह एवं स्टील आदि जैसे अनेक क्षेत्रों में माह दिसम्बर, 2020 में अब तक का सर्वश्रेष्ठ लदान आंकड़े दर्ज किये गये हैं। पश्चिम रेलवे द्वारा अक्टूबर, 2020 में पिछले सर्वश्रेष्ठ 3393 के आंकड़े की तुलना में दिसम्बर, 2020 में उच्चतम क्रैक ट्रेनों अर्थात 3500 ट्रेनों को चलाया गया है। ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल के बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने एक नये गंतव्य के लिए औद्योगिक नमक के एक अतिरिक्त यातायात को प्राप्त किया है। इस नमक को राजकोट के हापा गुड्स शेड से द्वारका के निकट मीठापुर के लिए परिवहन किया गया। इस लदान से प्राप्त राजस्व 8 लाख रुपये से अधिक रही। 23 मार्च से 10 जनवरी, 2021 तक, 2.24 लाख टन से अधिक वजन की वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 811 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से परिवहन किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाएं, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न राजस्व, लगभग 77.60 करोड़ रु. रहा है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा वैगनों की 100% उपयोगिता के साथ 149 दूध विशेष ट्रेनों को लगभग 1.13 लाख टन के लदान के साथ चलाई गई। इसी तरह, विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन लिए 67 हजार टन से अधिक लोड के साथ 559 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं। इसके अतिरिक्त, 100% उपयोगिता के साथ लगभग 40 हजार टन के 89 इंडेटेड रेक भी चलाए गए। 14 किसान रेल ट्रेनें 4234 टन लोड के साथ चलाई गई। 22 मार्च, 2020 से 10 जनवरी, 2021 तक की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 60.94 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए कुल मालगाड़ियों के 27,682 रेकों का उपयोग किया गया है। 56,485 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया है, जिसमें 28,196 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 28,289 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पाइंटों पर लिया गया। 11 जनवरी, 2021 को करमबेल से न्यू गुवाहाटी तक के लिए एक पार्सल विशेष ट्रेन रवाना हुई। लॉकडाउन के कारण यात्री राजस्व का नुकसान : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर राजस्व का कुल नुकसान लगभग 3743 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय सेक्शन के लिए 606 करोड रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 3137 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 10 जनवरी, 2021 तक टिकट रद्द करने के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 571.70 करोड रुपये धनवापसी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में केवल मुंबई मंडल ने 282 करोड़ रुपये से अधिक राशि की धनवापसी सुनिश्चित की है। अब तक पूरी पश्चिम रेलवे में लगभग 89.66 लाख यात्रियों ने टिकट रद्द कर दिए हैं और तद्नुसार उन्हें वापसी की राशि प्राप्त हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in