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पार्सल बुकिंग के जरिये पश्चिम रेलवे ने प्राप्त किया 150.73 करोड़ रुपए का राजस्‍व

मुंबई, 16 फरवरी, (हि. स.)। कोविड-19 से उत्पन्न संकट के दौरान भी पश्चिम रेलवे अत्यावश्यक सामानों की आपूर्ति बिना रुके जारी रखने में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास सुनिश्चित कर रही है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे ने चालू वित्त वर्ष के दौरान समग्र पार्सल राजस्व में 150 करोड़ रु. के बड़े आंकड़े को पार कर लिया है। यह उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के नेतृत्व और मार्गदर्शन के कारण ही सम्भव हो पाई है। इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कार्य-निष्पादन देने हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम को निरंतर प्रोत्साहित किया गया। पश्चिम रेलवे देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में अपना अहम योगदान सुनिश्चित करने हेतु अत्यावश्यक सामग्री के तीव्र और निर्बाध परिवहन के नये मार्गों की तलाश लगातार कर रही है। देश और नागरिकों की सेवा में पश्चिम रेलवे हमेशा ही अग्रणी रही है तथा देश की प्रगति में अहम योगदान दे रही है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे ने अपनी समग्र पार्सल बुकिंग के जरिये 1 अप्रैल, 2020 से 13 फरवरी, 2021 तक 150.73 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करके 150 करोड़ रु. के राजस्व का बड़ा आंकड़ा पार कर लिया है। ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे द्वारा 22 मार्च, 2020 से 14 फरवरी, 2021 तक मालगाड़ियों के 31316 रेकों का प्रशंसनीय लदान किया गया है। इसके अतिरिक्त दवाइयों, मेडिकल किट, फ्रोजन फूड मिल्क पाउडर और लिक्विड दूध जैसी अत्यावश्यक सामग्री वाले मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगन उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों को भेजे गये। पश्चिम रेलवे के विभिन्न इन्टरचेंज पॉइंटों पर कुल 64,019 फ्रेट-ट्रेनों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ इन्टरचेंज किया गया, जिनमें से 32,309 ट्रेनें हैंड-ओवर की गई तथा 32,310 ट्रेनें टेक-ओवर की गई। इन मालगाड़ियों से अर्जित राजस्व 6700 करोड़ रु. से भी अधिक रहा है। उपरोक्त मालगाड़ियों के अतिरिक्त 23 मार्च से 14 फरवरी, 2021 तक 2.58 लाख टन से अधिक भार की वस्तुएं पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 898 पार्सल विशेष ट्रेनों के जरिये भेजी गईं, जिनमें मुख्यत: कृषि उत्पाद, दवाएं, मछलियां, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के जरिये लगभग 90.92 करोड़ रु. के राजस्व की प्राप्ति हुई। पश्चिम रेलवे द्वारा इस अवधि में कुल 166 दुग्ध विशेष ट्रेनें भी चलाई गईं तथा जिनमें 1.24 लाख टन से भी अधिक दूध का लदान किया गया। साथ ही वैगनों का शत-प्रतिशत उपयोग भी किया गया। इसी प्रकार विभिन्न अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 590 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं, जिनमें लगभग 73 हजार टन का लदान किया गया। इनके अतिरिक्त लगभग 147 हजार टन का भार वहन करने वाली 104 इंडेंटेड रेकों का भी शत-प्रतिशत उपयोग किया गया। 38 किसान रेल ट्रेनों का भी परिचालन किया गया है। पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों के लिए समय-सारणीबद्ध विविध पार्सल विशेष ट्रेनों का परिचालन निरंतर जारी है। इसी क्रम में 15 फरवरी, 2021 को एक दुग्ध विशेष ट्रेन पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना की गई। लॉकडाउन के कारण यात्री राजस्व का नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 3928 करोड़ रु. रहा है, जिसमें उपनगरीय सेक्शन के लिए 646 करोड़ रु. और गैर-उपनगरीय के लिए 3282 करोड़़ रु. का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 14 फरवरी, 2021 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 626 करोड़ रु. अधिक धनवापसी सुनिश्चित की है। अब तक पूरी पश्चिम रेलवे पर लगभग 99 लाख यात्रियों ने टिकट रद्द कर दिये हैं और तद्नुसार उन्हें धनवापसी राशि प्राप्त हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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