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कोरोना महामारी के बावजूद पश्चिम रेलवे ने 80.72 मिलियन टन माल का लदान किया

यह पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के मुकाबले 4.7 प्रतिशत अधिक मुंबई, 02 अप्रैल, (हि. स.)। कोविड महामारी के कठिन समय में भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा देश भर में माल और पार्सल विशेष ट्रेनों का लगातार परिचालन किया जा रहा है। लॉकडाउन के समय में विभिन्न बाधाओं के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने माल ढुलाई के क्षेत्र में विभिन्न मील के पत्थरों को पार किया है। निरंतर प्रयासों के कारण, पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 80.72 मिलियन टन का माल लदान किया है, जो पिछले वर्ष के 77.06 मिलियन टन से 4.7% अधिक है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के कुशल मार्गदर्शन एवं निरंतर मॉनिटरिंग के कारण यह उपलब्धि हासिल हुई है। कंसल ने सभी बाधाओं और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए पश्चिम रेलवे की टीम को बधाई दी। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कोविड महामारी को देश में आए हुए एक साल हो गया है, पश्चिम रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को जारी रखते हुए देश की जनता के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा किया है। अप्रैल - मई 20 की अवधि के दौरान COVID-19 महामारी और सम्पूर्ण लॉकडाउन के कारण प्रारम्भिक रूप से पश्चिम रेलवे ने पिछले वर्ष के 13.10 मिलियन टन के मुकाबले 32.5 प्रतिशत कम अर्थात महज 8.84 मिलियन टन का लदान किया था किंतु पश्चिम रेलवे ने सप्रयास वापसी करते हुए पिछले वित्तीय वर्ष की लोडिंग के लक्ष्य को पार कर लिया। पश्चिम रेलवे ने आयातित कोयले में भारी गिरावट के कारण कोयले की लोडिंग में भारी कमी के बावजूद लगातार कोशिशों के चलते फर्टिलाइजर्स, सीमेंट, खाद्यान्न, लोहा और इस्पात, नमक और ऑटो की लोडिंग में काफी इजाफा किया। पश्चिम रेलवे द्वारा माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए की गई विभिन्न पहलों के कारण यह वृद्धि संभव हुई है। रेल मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार पश्चिम रेलवे ने माल और पार्सल के परिवहन के लिए रेलवे के साथ गठजोड़ करने वाले ट्रांसपोर्टरों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं लागू कीं। इसके अतिरिक्त, नए यातायात को आकर्षित करने और यातायात के मौजूदा व्यापार में रेल हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए मुख्यालय स्तर पर एवं सभी मंडलों में बहुउद्देशीय व्यवसाय विकास इकाइयों (BDU) का भी गठन किया गया। जिससे माल ग्राहकों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्राप्त हुई है और माल लदान एवं राजस्व में वृद्धि संभव हो पाई है। ठाकुर ने आगे बताया कि 2020-21 के दौरान, पश्चिम रेलवे ने अपनी 1027 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से 3.0 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को देश के अन्य भागों में पहुंचाया, जिसमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस यातायात के फलस्वरूप लगभग 108.96 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 184 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 1.35 लाख टन से अधिक लोड का परिवहन किया गया और वैगनों का 100% उपयोग किया गया। इसी प्रकार, विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 627 COVID-19 विशेष पार्सल ट्रेनों के माध्यम से 81 हजार टन से अधिक भार की सामग्री का परिवहन किया गया। इसके अलावा 100% उपयोग के साथ 125 इंडेंटेड रेक के माध्यम से 57 हजार टन से अधिक भार की वस्तुओं का परिवहन किया गया। इस वर्ष के दौरान 91 किसान रेल चलाई गयी तथा 29 हजार टन कृषि उत्पादों का परिवहन किया गया। किसान रेल के माध्यम से खराब होने वाली वस्तुओं की आवाजाही विश्वसनीय और सुरक्षित है। यह बिना किसी नुकसान के कृषि उत्पादों के सुचारू, तेजी से और समय पर परिवहन में मदद करता है। इन किसान ट्रेनों के माध्यम से मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के प्याज किसानों को देश के पूर्वी और उत्तर पूर्वी भागों में नया बाजार मिला है, जबकि महाराष्ट्र में दहानु के चीकू किसानों ने भी उत्तर क्षेत्र में तेजी से और किफायती तरीके से बाजार तक पहुंचना सुविधाजनक पाया है। यह उल्लेखनीय है कि 22 मार्च 2020 से 31 मार्च 2021तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा माल गाड़ियों के जरिये 81.93 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए कुल 36128 रेकों को चलाया गया है। 74,834 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया, जिसमें 37,478 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 37,356 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप

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