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महाराष्ट्र में स्कूल तो खुले लेकिन किताबों का टोटा

मुंबई, 15 जून (हि.स.), महाराष्ट्र में आज से पहली से बारहवीं तक के स्कूल खुल गए हैं। ऑनलाइन विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। लेकिन किताबों की कमी बनी हुई है। महाराष्ट्र पाठ्यपुस्तक निर्मिति व पाठ्यक्रम संशोधन मंडल (बालभारती) की ओर से अभी किताबों का वितरण होने में विलंब हो रहा है। बालभारती की ओर से बताया गया है कि कोरोना के कारण लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से किताबों के वितरण पर असर पड़ा है। जल्द ही किताबों का वितरण सामान्य हो जाएगा। बालभारतीे अनुसार लॉकडाउन के कारण निजी वितरकों की दुकानें बड़े पैमाने पर बंद थीं। इस वजह से पुस्तकों की कमी आई। हालांकि पहली से बारहवीं तक की सभी माध्यम की किताबें पीडीएफ के रूप में ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई हैं। अब तक नौंवी से बारहवीं तक की 1करोड़ 32 लाख किताबें छप गई हैं। राज्य के नौ डिपो में किताबें उपलब्ध हैं। मांग के अनुसार कई डिपो में किताबों का वितरण किया जा रहा है। इसीतरह पहली से आठवीं तक की 3 करोड़ 85 लाख पुस्तकें भी छपकर तैयार हैं। अभी डेढ़ करोड़ पुस्तकों की छपाई बाकी है। राज्य के कई स्कूल एक दिन पहले यानी 14 जून से ही खुल गए हैं। कुछ दिनों पहले स्कूली शिक्षा विभाग ने नए शैक्षणिक वर्ष के लिए परिपत्र जारी किया था। उसमें विदर्भ को छोड़कर राज्य के अन्य शहरों के स्कूलों को 14 जून से खोलने का उल्लेख था। इसके बाद इसमें संशोधन करके 15 जून से स्कूल शुरू करने की सूचना दी गई थी। हालांकि कई स्कूलों ने पहली सूचना के आधार पर एक दिन पहले 14 जून से पढ़ाई की शुरुआत कर दी है। इसमें अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की संख्या ज्यादा है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई है। अभी तक स्कूल प्रबंधन को पढ़ाई ऑनलाइन या ऑफलाइन कराने के संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है। पिछले शैक्षणिक वर्ष में विलंब से पढ़ाई शुरू होने के कारण पहली से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम कम कर दिए गए थे। इस शैक्षणिक वर्ष में पढ़ाई का नियोजन किस प्रकार होगा, इसकी प्रतिक्षा स्कूलों को है। अब स्कूलों को शिक्षा विभाग के टाइम टेबल का इंतजार है। टाइम टेबल मिलते ही स्कूलों के कामकाज का नियमित शुरू हो जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय

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