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नव विद्युतीकृत रतलाम-चित्तौडग़ढ़ खंड का रेल मंत्री ने लोकार्पण किया

मुंबई, 22 फरवरी, (हि. स.)। भारत सरकार के माननीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल द्वारा नव विद्युतीकृत रतलाम- चित्तौडग़ढ़ खंड का रविवार, 21 फरवरी, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्र को लोकार्पण किया गया। इसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन वाली एक मालगाड़ी को नव विद्युतीकृत खंड पर चित्तौडग़ढ़ के लिए चलाया गया। इस समारोह में सांसद गुमान सिंह डामोर रतलाम स्टेशन पर, सांसद सी.पी. जोशी चित्तौडग़ढ़ स्टेशन पर और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सुनीत शर्मा रेल भवन, नई दिल्ली में उपस्थित थे, जबकि रतलाम मंडल के मंडल रेल प्रबंधक, वरिष्ठ रेलवे अधिकारी, यात्री संगठनों के सदस्य और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ अन्य अतिथि रतलाम स्टेशन पर उपस्थित थे। मध्य प्रदेश राज्य में विभिन्न रेल परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा हाल ही में प्रस्तुत बजट 2021-22 में मध्य प्रदेश में विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए 7700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। भारतीय रेलवे दिसंबर, 2023 तक अपने पूरे ब्रॉड गेज नेटवर्क को पूरी तरह से विद्युतीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है और पैसेंजर या माल सभी ट्रेनें इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलेंगी, जिनसे प्रदूषण कम होगा। अगली कड़ी में, भारतीय रेलवे 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के साथ अपने पूरे नेटवर्क को चलाने में सक्षम होगी और दुनिया की ऐसी पहली सबसे बड़ी रेलवे होगी। उन्होंने कहा कि यह माननीय प्रधानमंत्री का लक्ष्य है और भारतीय रेलवे देश की प्रगति में योगदान देने के लिए हमेशा कृत संकल्पित है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय रेलवे द्वारा सभी ब्रॉडगेज रेल मार्गों पर वर्ष 2023 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के मिशन के अनुपालन के क्रम में पश्चिम रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरसम्भव बेहतरीन प्रयास सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण उपजी विपरीत परिस्थितियों और कठिनतम चुनौतियों के बावजूद इस दिशा में निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पश्चिम रेलवे पूरी तरह तैयार है। इस क्रम में, रतलाम - चित्तौडग़ढ़ रेल खंड के विद्युतीकरण का कार्य हाल ही में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह कार्य केवल 18 महीनों में पूरा हो चुका है, जिनमें कोविड-19 के कारण अप्रैल, 2020 से सितम्बर, 2020 तक छह महीने की लॉकडाउन अवधि भी शामिल है। ठाकुर ने बताया कि रतलाम- चित्तौडग़ढ़ रेल खंड पश्चिम रेलवे पर माल यातायात और यात्री परिवहन का एक महत्वपूर्ण रेल मार्ग है। इस खंड की विद्युतीकरण परियोजना को वर्ष 2016- 17 में 205 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना की कुल लम्बाई 191 आरकेएम/301 टीकेएम है। ट्रैक्शन सब स्टेशन और रखरखाव डिपो जावरा, सिंदपन, नीमच और चित्तौडग़ढ़ में बनाये गये हैं। इस मार्ग पर 9 निजी साइडिंग्स स्थित हैं, जो पश्चिम रेलवे के माल ढुलाई यातायात में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इस खंड का विद्युतीकरण कार्य रिकॉर्ड समय के भीतर पूरा हो गया है, जो भारतीय रेलवे पर विद्युतीकरण के सर्वोत्तम परियोजना प्रदर्शनों में से एक है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप

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