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एम.डब्ल्यू.पी. सोलर प्लांट से पश्चिम रेलवे को प्रतिमाह 25 लाख की बचत

हेड ऑन जनरेशन प्रणाली पर परिचालित हो रहीं पश्चिम रेलवे की 67 जोड़ी नियमित ट्रेनें मुंबई, 18 अप्रैल, (हि. स.)। बेहतर यात्रा और यात्रियों की सुरक्षा के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन में पश्चिम रेलवे हमेशा अग्रणी रहा है। कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के कठिन समय के बावजूद पश्चिम रेलवे ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। कोविड महामारी के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने वाई-फाई, लिफ्ट और एस्केलेटर, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की स्थापना, रेलवे परिसरों में ऊर्जा कुशल एलईडी लाइट्स का प्रावधान किया है। साथ ही रेग्यूलर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का हेड ऑन जनरेशन तकनीक में रूपांतरण इत्यादि यात्री सुविधाओं के प्रावधान तथा सुरक्षित ट्रेन के परिचालन में अत्याधुनिक तकनीक प्रदान करने के लिए सराहनीय प्रयास किए गए हैं। स्टेशनों पर यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को बढ़ाने के उद्देश्य से, पश्चिम रेलवे ने विभिन्न यात्री सुविधाएं प्रदान की हैं। मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर 6 तथा चर्चगट स्टेशन पर 5 हाई वॉल्यूम लो स्पीड (एचवीएलएस) पंखे लगाए गए हैं। अभी तक, पश्चिम रेलवे के विभिन्न महत्वपूर्ण स्टेशनों पर ऐसे 39 हाई वॉल्यूम लो स्पीड (एचवीएलएस) पंखे लगाए गए हैं। साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग लोगों की सुविधा के लिए, वर्ष 2020 -21 में पश्चिम रेलवे पर 15 लिफ्ट और 26 एस्केलेटर लगाए गए, इस प्रकार पश्चिम रेलवे पर लिफ्टों और एस्कलेटरों की कुल संख्या क्रमशः 106 और 105 है। वर्ष 2020-21 में पश्चिम रेलवे के 25 स्टेशनों पर तेज और फ्री वाई-फाई इनस्टॉल किया गया है। पश्चिम रेलवे ने पारंपरिक और कम सक्षम प्रकाश फिटिंग्स को बदलने के लिए पहल की और सभी 726 विद्युतीकृत स्टेशनों पर ऊर्जा कुशल एलईडी लाइटें लगायी गयी हैं। इससे रोशनी के स्तर में सुधार हुआ और साथ ही लगभग रु 12 करोड़ प्रति वर्ष की आवर्ती बचत भी हुई। इसके अलावा, वर्ष 2020 - 21 के दौरान 75 स्टेशनों को एयरपोर्ट की तरह की प्रकाश व्यवस्था प्रदान किया की गयी। पश्चिम रेलवे पर इस तरह की सुविधा 186 स्टेशनों पर है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार, वर्ष 2020-21 रेलवे के लिए भी एक कठिन वर्ष रहा। इसके बावजूद, पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के नेतृत्व में नई पहल और तकनीकों की शुरुआत की गयी। रेलवे द्वारा कार्बन फुटप्रिंटों को कम करने के उद्देश्य से, इस दिशा में विभिन्न उपायों को अपनाया गया है। पश्चिम रेलवे पर 9.44 एमडब्लयूपी क्षमता के सोलर प्लांट लगाए गए हैं। इन संयंत्रों को स्थापित कर ग्रिड से जोड़ा गया है,जिसके परिणामस्वरूप इन इकाइयों से हरित ऊर्जा उत्पन्न होने के कारण गैर कर्षण ऊर्जा बिल में प्रति माह लगभग 25 लाख रुपये की आवर्ती बचत होती है। चालू वित्त वर्ष के दौरान संचयी बचत रु 2.84 करोड़ रही, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 26.26% अधिक है। पश्चिम रेलवे वर्तमान में हेड ऑन जनरेशन (एचओजी) प्रणाली पर 67 जोड़ी नियमित ट्रेनें परिचालित कर रही है, जो भारतीय रेलवे पर सर्वाधिक है। हेड ऑन जनरेशन प्रणाली अपनाने के परिणामस्वरूप,पश्चिम रेलवे ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 66.08 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत हासिल की है। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप / प्रभात ओझा

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