महाराष्ट्र के उद्योगों में मिलेगी भूमिपुत्रों को नौकरी, डेमोसाइल सर्टिफिकेट अनिवार्य
महाराष्ट्र के उद्योगों में मिलेगी भूमिपुत्रों को नौकरी, डेमोसाइल सर्टिफिकेट अनिवार्य

महाराष्ट्र के उद्योगों में मिलेगी भूमिपुत्रों को नौकरी, डेमोसाइल सर्टिफिकेट अनिवार्य

मुंबई, 06 जुलाई (हि. स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को “महाजॉब्स” वेबसाइट का शुभारंभ किया। उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि अधिवास प्रमाण पत्र (डेमोसाइल) लगाने से राज्य में बेरोजगारी समाप्त करने में मदद मिलेगी। दरअसल इस पोर्टल के माध्यम से यहां के उद्यगों में उन्हें नौकरी का अवसर मिल सकेगा, जिनके पास महाराष्ट्र की डेमोसाइल सर्टिफिकेट है। सोमवार को मुख्यमंत्री की उपस्थिति में http://mahajobs.maharashtra.gov.in वेबसाइट का शुभारंभ किया गया। इसके माध्यम से राज्य में स्थानीय भूमिपुत्रों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। उद्योग विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य के उद्योगों में 50 हजार नौकरियां उपलब्ध हैं। इस पोर्टल के माध्यम से, सरकार ने नौकरी चाहने वालों और श्रमिकों की जरूरत रखनेवालों के बीच समन्वय स्थापित करने की कोशिश की है। “महाजॉब्स” पोर्टल ने इंजीनियरिंग, लॉजिस्टिक्स, केमिकल आदि 17 क्षेत्रों को चुना है। जिसमें से 950 व्यवसाय का इच्छुक उम्मीदवार चयन कर सकते हैं। इसमें अधिवास प्रमाण पत्र की शर्त शामिल है ताकि केवल स्थानीय भूमिपुत्रों को ही नौकरी के अवसर मिलें। उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि इससे राज्य में बेरोजगारी खत्म करने में मदद मिलेगी। इसमे श्रम मंत्री दिलीप वालसे पाटिल, कौशल विकास मंत्री नवाब मलिक, उद्योग राज्यमंत्री अदिति तटकरे के साथ उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव बी वेणुगोपाल रेड्डी, एमआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.पी अंबलगन सहित अन्य अधिकारी ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से भूमिपुत्रों को पारदर्शी तरीके से रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को राज्य के युवाओं के लिए मोबाइल पर "महाजॉब्स" नामक एक ऐप उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की पोर्टल सरल और अधिक सुलभ होगा। अतीत में बेरोजगारों को रोजगार एक्सचेंज के माध्यम से रोजगार दिलाने की योजना थी। लेकिन यह ज्ञात नहीं है कि कितने लोगों को रोजगार मिला। इस पोर्टल के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। नौकरी और रोजगार के लिए इस पोर्टल की नियमित समीक्षा की जानी चाहिए। यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि पोर्टल के माध्यम से कितने रोजगार प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पोर्टल न केवल बेरोजगारों को पंजीकृत करने के लिए बल्कि बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने के लिए भी एक पोर्टल होना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समन्वय राज्य के तेजी से विकास में घरों में संतुष्टि लाएगा। कोरोना ने हमारे लिए संकट पैदा कर दिया है, लेकिन कुछ चीजें हैं जो निश्चित रूप से सीख दे गई हैं। जिस तरह कोरोना ने घर पर रहकर स्वास्थ्य की देखभाल करना सिखाया, उसी तरह उसने आत्मनिर्भर होना भी सिखाया है। मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के सामने अभी भी कोरोना का संकट है। इस स्थिति में, हम राज्य में नए निवेशों को आमंत्रित कर रहे हैं। कोरोना ने कई प्रवासी श्रमिकों को राज्य छोड़ने का कारण बना है। परिणामस्वरूप, राज्य में नौकरियां पैदा हो रही हैं। एक तरफ श्रमिक नहीं हैं और दूसरी ओर कुछ उद्योग श्रमिकों को कटौती कर रहे हैं। यह बिल्कुल उचित नहीं है। राज्य सरकार उद्यमियों की समस्या का निराकरण करने के लिए तैयार है। श्रमिकों की कटौती करना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग विभाग को इन सभी उद्यमियों से बात करनी चाहिए और उन्हें आश्वस्त करना चाहिए कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उद्योग, श्रम और कौशल विकास के संयोजन से महाराष्ट्र को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इस पोर्टल से, नए-पुराने, कुशल-अकुशल श्रमिकों को स्थायी रोजगार मिलेगा। श्रम मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि यह पोर्टल नए उद्योगों के सामंजस्य के लिए उपयोगी होगा। नए उद्योगों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। कौशल विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि यह पहल ऑनलाइन नौकरी लिए उपयोगी होगी। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in