महाराष्ट्र सरकार कोयला कंपनियों से वसूलेगी नुकसान भरपाई
मुंबई, 07 जनवरी (हि.स.)। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने निकृष्ट दर्जे का कोयला आपूर्ति करनेवाली कंपनियों से नुकसान भरपाई वसूलने का निर्देश दिया है। शिकायत राज्य सरकार से किए गए अनुबंध के तहत कुछ कंपनियां दर्जेदार कोयले की आपूर्ति नहीं कर रही है, जिसके चलते ताप बिजली परियोजनाओं के उत्पादन पर विपरीत परिणाम हो रहा है। ऊ ऊर्जा मंत्री ने संबन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि करार के अनुसार कोयले की आपूर्ति न करने वाली कोयला कंपनियों से नुकसान भरपाई की प्रकिया तेज की जाए। अच्छी गुणवत्तावाले कोयले की आपूर्ति न होने से बिजली उत्पादन खर्च बढ़ने से बिजली दर पर असर पड़ता है। प्रदूषण बढ़ने के साथ ही कंपनी के कल पुर्जो पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इधर ऊर्जा विभाग ताप बिजली संयंत्रों से निकलनेवाली राख (फ्लाई ऐश ) से सड़के बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एक कारगर मसौदा तैयार करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है। कोयले की राख का उपयोग ईंट, सीमेंट और टाइल्स बनाने में भी किया जाएगा। ताप बिजली परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर राख निकलती है। फ्लाई ऐश एक बारीक पाउडर है जो तापीय बिजली संयंत्रों में कोयले के जलने से उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। इससे प्रदूषण का भी संकट रहता है। प्रदूषण नियंत्रण के साथ ही उस राख का व्यापारिक इस्तेमाल किस तरह किया जा सकता है, इसके लिए प्लान बनाने की तैयारी की जा रही है। फ्लाई ऐश का उपयोग सड़क, सीमेंट, ईंट, टाइल्स बनाने में किया जा सकता है। इस मामले के विशेषज्ञों से फ्लाई ऐश की उपयोगिता, क्षमता, कीमत आदि के बारे में अध्ययन कराया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने सभी पहलूओं की जांच-पड़ताल के बाद निकाले गए निष्कर्ष के आधार पर लोक निर्माण विभाग और राज्य सड़क विकास महामंडल के अधिकारियों के साथ बैठक कर राख की उपयोगिता पर सहमति बनाने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार के निर्माण कार्य में भी राख का उपयोग बढ़ाने का प्रयास करने पर बल दिया गया है। महानिर्मिति कंपनी को इसके लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त करने निर्देशित किया गया है। राख का उद्योग शुरू करने के लिए उर्जा विभाग के अधीन एक उप कंपनी स्थापित करने के संबंध में विकल्प तलाशाने कहा गया है। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय-hindusthansamachar.in