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कोविड -19 महामारी की गहन जांच और रोकथाम में महाराष्ट्र सरकार नाकाम- आम पार्टी

मुंबई, 05 अप्रैल (हि.स.)। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि कोविड - 19 संकट से निपटने में महाविकास आघाड़ी सरकार बुरी तरह नाकाम रही है। महाराष्ट्र सरकार के साथ ही मनपा प्रशासन इस महामारी पर अंकुश लगाने में सभी मोर्चों पर असफल रहा है। मुंबईकरों के जीवन पर इसके प्रभावों पर विचार किए बिना, आधे-अधूरे उपाय कर रहा है। ट्रैकिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के आंकड़े कहां हैं ? क्या कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है ? ऐसा लगता है कि प्रशासनिक तंत्र के माध्यम से वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त ट्रैकिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के बिना, सरकार मुंबईकरों पर अंधाधुंध नकेल कसे जा रही है। शहर के नागरिकों के लिए क्या उचित है , यह करने के बजाय सरकार के लिए क्या सुविधा जनक है, वही कदम उठाए जा रहे हैं। इसका आम आदमी बार-बार लॉकडाउन का खामियाजा भुगतता है। सरकार इस तथ्य का संज्ञान लेने में विफल है कि आम आदमी आर्थिक अनिश्चितता, बड़े पैमाने पर आर्थिक मंदी, बेरोजगारी में वृद्धि और महामारी के कारण बहुत संकट में है। इसके बावजूद, सरकार ऐसे कठिन समय में आम लोगों को राहत देने के लिए अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है। नए नियमों के अनुसार, आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य सभी दुकानों को खुलने की अनुमति नहीं होगी। यह मुंबई की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से छोटे उद्यमियों , छोटी दुकानों और फेरीवालों के लिए विनाशकारी होगा, जो शहर की व्यावसायिक गतिविधि की रीढ़ हैं। अगर महामारी से लड़ने के नाम पर सरकार इसी तरह ढीठ होकर जन समस्याओं पर ध्यान दिए बगैर नीतियां बनाती रहेगी , तो हम आर्थिक पतन के रास्ते पर चल रहे हैं। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित "ब्रेक द चेन " के नियम बहुत भ्रामक हैं। अनिश्चित भविष्य के साथ अपना जीवन यापन कर रहे गरीब वर्ग के लिए सरकार और प्रशासन का रुख हमेशा उदासीनता से भरा रहा है । एक दूसरे से सुरक्षित दूरी, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है , लेकिन इसके लिए बेवजह छोटी दुकानों को बंद करना और फेरीवालों पर रोक समस्या का समाधान नहीं है । यह चूहों को भगाने के लिए जंगल को जलाने जैसा है। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय

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