विकास महत्वपूर्ण लेकिन मैंग्रोव का संरक्षण भी जरूरी: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
मुंबई, 25 मार्च (हि. स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निर्देश दिया है कि विकास और मूलभूत सुविधा महत्वपूर्ण है, लेकिन उसके साथ ही मुंबई व पूरे कोकण किनारे से सटे मैंग्रोव वन का संरक्षण तथा संवर्धन भी उतना ही अहम है। इस लिहाज से तटीय क्षेत्रों में विकास की परियोजनाएं विकसित करते समय मैंग्रोव को किसी भी प्रकार की हानि न पहुंचे, इसका ख्याल रखा जाए। मैंग्रोव को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास वर्षा में समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ऐरोली के तटीय और समुद्री जैव विविधता केंद्र की तर्ज पर राज्य के समुद्री तटों व समुद्री जैवविविधता विषय में उपकरणों के माध्यम से दृश्य, ऑडियो तथा स्पर्श के माध्यम से पर्यटकों को जानकारी उपलब्ध करने के लिए मुंबई में एक सूचना केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए। मैंग्रोव वन समुद्री किनारों का संरक्षण करते हैं। समुद्र से उठने वाली लहरों भेदकर रोकते हैं। जमीन पर और समुद्री परिक्षेत्र में रहनेवाले जीवों को आसरा देते हैं। प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए मैंग्रोव का संरक्षण और संवर्धन करना बेहद जरूरी है। मैंग्रोव के प्रति जनता को अपनापन लगे, ऐसे उपक्रम लागू किए जाएं। मैंग्रोव के माध्यम से निसर्ग पर्यटन और उपजीविका कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। मैंग्रोव के संरक्षण और संवर्धन की राह की दिक्कतें दूर करने के लिए सरकार की ओर से सर्वोपरि सहयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्रीे कहा कि प्रस्तावित जॉइंट्स ऑफ द सी म्यूजियम, ठाणे खाड़ी फ्लैमिंगो अभयारण्य जेट्टी का विस्तार, भांडुप पंपिंग स्टेशन सुविधा की आपूर्ति जैसी जिन योजनाओं और उपकरणों का काम लंबित है, उसे पूरा किया जाएगा। ठाणे खाड़ी फ्लैमिंगो अभयारण्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सफारी शुरू करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है। मैंग्रोव वन की जमीन पर कई व्यावसायिक निर्माणकार्य व अन्य लोगों ने अतिक्रमण किया है। ये अतिक्रमण तत्काल हटाए जाएं और आगे इसतरह के अतिक्रमण ना हों, इसका ख्याल रखा जाए। ऐसा निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय