पश्चिम रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान 3.79 करोड़ लीटर से अधिक दूध का लदान किया
पश्चिम रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान 3.79 करोड़ लीटर से अधिक दूध का लदान किया

पश्चिम रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान 3.79 करोड़ लीटर से अधिक दूध का लदान किया

भारतीय रेल पर सर्वाधिक दूध लदान का रिकॉर्ड बनाया मुंबई, 29 जून, (हि. स.)। 23 मार्च, 2020 से लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद, राष्ट्र की सेवा में हमेशा अग्रणी रहने वाली पश्चिम रेलवे ने देश में खाद्यान्न, दूध, दवाई, किराने का सामान, कोयला आदि जैसे अत्यावश्यक सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपने पहियों को गतिमान रखा। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने लॉकडाउन के दौरान अत्यावश्यक सामग्रियों की आपूर्ति जारी रखने में गहरी रुचि दिखाई तथा यह भी सुनिश्चित किया कि पार्सल विशेष ट्रेनों के परिचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। महाप्रबंधक के कुशल मार्गदर्शन के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे इस आपात समय के दौरान 3.79 करोड़ लीटर से अधिक दूध का परिवहन करने में सफल हो सका है। पश्चिम रेलवे के लिए यह गर्व की बात है कि सम्पूर्ण भारतीय रेल पर यह ऐसी पहली जोनल रेलवे बन गई है, जिसे लॉकडाउन अवधि के दौरान सर्वाधिक मात्रा में दूध के परिवहन का गौरव प्राप्त हुआ है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने इस शानदार उपलब्धि के लिए सभी सम्बंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित पश्चिम रेलवे की पूरी टीम की सराहना करते हुए सभी को हार्दिक बधाई दी है। पश्चिम रेलवे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार देश में मार्च, 2020 में घोषित लॉकडाउन से लेकर अब तक 882 रेलवे मिल्क टैंकरों (आरएमटी) वाले कुल 51 रेकों का पश्चिम रेलवे के अहमदाबाद मंडल के पालनपुर से हरियाणा में पलवल के निकट हिंद टर्मिनल तक परिवहन किया गया। पश्चिम रेलवे अपनी मिल्क स्पेशल ट्रेनों के परिवहन के जरिये दूध और मिल्क प्रोडक्ट्स की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। मार्च माह के दौरान 22 से 31 मार्च तक आर एम टी के 5 रेकों में 33.32 लाख लीटर दूध का लदान किया गया, जबकि अप्रैल माह के दौरान आर एम टी के 15 रेकों में 1.09 करोड़ लीटर दूध का लदान किया गया। इसी प्रकार मई माह में आर एम टी के 17 रेकों में 1.28 करोड़ लीटर दूध का और जून माह में 28 जून तक आरएमटी के 14 रेकों में 1.09 करोड़ लीटर का दूध का लदान किया गया। तदनुसार पश्चिम रेलवे द्वारा 37 हजार टन से अधिक लोड सहित और वैगनों का शत-प्रतिशत उपयोग करते हुए कुल 51 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनसे लगभग 6.45 करोड़ रु. का राजस्व अर्जित हुआ। इसी अवधि के दौरान, इन रेल मिल्क ट्रेनों में लगने वाले एस एल आर डिब्बों में 4.08 लाख किलोग्राम वजन वाले दुग्ध उत्पादों का परिवहन भी किया गया। पश्चिम रेलवे द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में किये गये दुग्ध परिवहन ने सम्पूर्ण भारतीय रेल पर एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ ही पश्चिम रेलवे लॉकडाउन अवधि के दौरान 3.79 करोड़ लीटर से अधिक दूध का परिवहन करने वाली पहली क्षेत्रीय रेलवे बन गई है। पश्चिम रेलवे ने अत्यावश्यक वस्तुओं का परिवहन सुनिश्चित करते हुए राष्ट्र की सेवा में अपना अमूल्य योगदान जारी रखा है और भविष्य में भी चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, उसका सामना करने के लिए पश्चिम रेलवे सदैव अग्रणी और तत्पर रहेगी। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/ राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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