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मध्य रेल : नेहरू साइंस सेंटर को हेरिटेज इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव पुन: समर्पित

मुंबई, 26 जनवरी, (हि. स.)। मध्य रेल महाप्रबंधक संजीव मित्तल ने 26 जनवरी 2021 को नेहरू विज्ञान केंद्र वर्ली, मुंबई में आयोजित एक समारोह में हेरिटेज इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को फिर से समर्पित किया। इस अवसर पर नेहरू विज्ञान केंद्र मुंबई के निदेशक शिवप्रसाद खेडे, मध्य रेल के अपर महाप्रबंधक बी. के. दादाभोय, मध्य रेल के प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर ए.के. गुप्ता, प्रधान मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ए. के. तिवारी, नेहरू विज्ञान केंद्र और मध्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मध्य रेल मुंबई के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार डीसी इलेक्ट्रिक लोको नंबर 20024 / डब्ल्यूसीपी 2, महानगर विकर्स इलेक्ट्रिकल कंपनी लिमिटेड, मैनचेस्टर, यूकेवास द्वारा निर्मित 1938 में जीआईपीआर पर कमीशन किया गया था। इसका उपयोग कल्याण-पुणे सेक्शन पर लगभग 40 वर्षों से यात्री गाडिय़ों के लिए किया जाता था। यह भारतीय उप-महाद्वीप में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की शुरुआत के बाद सेवा में शामिल सबसे पुराने इलेक्ट्रिक इंजनों में से एक है। यह देश में कहीं भी संरक्षित अपनी तरह का एकमात्र लोकोमोटिव है। इसे मुंबई और पुणे के बीच प्रतिष्ठित डेक्कन क्वीन चलाने का गौरव प्राप्त है। इस लोको को 1979 में नेहरू विज्ञान केंद्र को दान कर दिया गया था और जब इसे बहाली की जरूरत पड़ी, तो परेल वर्कशॉप के अधिकारियों और तकनीशियनों की समर्पित टीम ने एक बार फिर से कार्रवाई की और इसे अपने पूर्व गौरव को बहाल किया। परेल वर्कशॉप में स्टीम, डीजल और इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव और हाल ही में LHB और ICF कोच के निर्माण और रखरखाव में लगभग 140 वर्षों का लंबा इतिहास है। पूरी प्रक्रिया में, रंग, बनावट और संरचना में लोकोमोटिव के प्रारंभिक स्वरूप को संरक्षित करने के लिए देखभाल की गई थी। काम को अंजाम देने के लिए परेल वर्कशॉप के अधिकारियों के बीच परेल वर्कशॉप, नेहरू साइंस सेंटर और एजेंसी के बीच घनिष्ठ समन्वय में बहाली की पूरी प्रक्रिया पूरी की गई। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई स्टेशन पर सेंट्रल रेलवे हेरिटेज गैलरी में हेरिटेज आर्टिफैक्ट्स की बहाली का काम एजेंसी ने किया था। पूरी बहाली प्रक्रिया लगभग तीन महीने की अवधि में पूरी हुई। हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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