सोमवती अमावस्या पर खजुराहो में उमड़ा आस्था का सैलाब
सोमवती अमावस्या पर खजुराहो में उमड़ा आस्था का सैलाब

सोमवती अमावस्या पर खजुराहो में उमड़ा आस्था का सैलाब

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने रखा वट सावित्री का व्रत छतरपुर/खजुराहो, 14 दिसम्बर (हि.स.)। सोमवार को अमावस्या के कारण विशेष दिन रहा। इस दौरान खजुराहो में आस्था का सैलाब उमड़ा। इसके साथ ही वट वृक्षों की पूजा के लिए जगह-जगह महिलाओं का समूह उमड़ा। सोमवती अमावस्या के पुण्य के लिए भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए खजुराहो में रविवार की शाम व रात को ही सैकड़ों लोग पहुंच गए। सुबह से जलाभिषेक का सिलसिला शुरु हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। इधर, पति की लंबी उम्र के लिए सोमवार को महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रखकर पूजा अर्चना की। खजुराहो मतंगेश्वर महादेव के पुजारी के पुत्र लकी गौतम ने बताया कि रविवार की शाम से ही लोग खजुराहो पहुंचने लगे थे। रात 12 बजे के बाद से ही अमावस्या दर्शन का सिलसिला शुरु हुआ। वहीं सोमवार की सुबह 5 बजे से जटाशंकर महादेव के जलाभिषेक की शुरुआत हुई, जो देर शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला 4 बजे तक चलता रहा। खजुराहो थाना प्रभारी संदीप खरे ने अमावस्या पर भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस को सुरक्षा इंतजाम के लिए लगाया गया था। खजुराहो में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़ सोमवती अमावस्या पर खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भारी भीड़ उमड़ी। खजुराहो के आसपास के इलाके के साथ ही दूर-दराज से लोग रविवार की रात को ही खजुराहो पहुंच गए और सुबह सूर्योदय के साथ ही श्रद्धालुओं ने शिवसागर सरोवर में स्नान के बाद मतंगेश्वर को जल अर्पित किया। खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव मंदिर मौसम में करवट ली ठंड और बादल के बावजूद उत्साह देखने लायक था। मतंगेश्वर के जलाभिषेक का सिलसिला देर शाम तक समान गति में चलता रहा। ठंड में भी लोग लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। भोले के जयकारों के साथ भगवान मतंगेश्वर की जय हो के नारे से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया। लोगों की भीड़ को देखते हुए समाजसेवियों ने उनके लिए जनपान की विशेष व्यवस्था भी की। वहीं महिलाओं ने बरगद और पीपल के पेड़ पर 108 परिक्रमा देकर पति की लंबी आयु व संतान की समृद्धि की मन्नत मांगी। 108 परिक्रमा के साथ की वट पूजा शहर के मंदिरों में वट के पेड़ की पूजा अर्चना का सिलसिला बादल और ठंड तक चलता रहा। पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति को दीर्घायु मिलती है। वहीं जिसकी संतान होती है, वे महिलाएं भी वट सावित्री व्रत रखती हैं। मान्यता है कि, इस व्रत से संतान का भी भविष्य उज्जवल होता है। वट सावित्री व्रत जिसे वर पूजा भी कहते हैं। यह व्रत ज्येष्ठ माह की अमास्या को रखा जाता है। वर पूजा के दिन सभी सुहागिन और सौभाग्यवती स्त्रियां वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ का पूजन करती हैं और उसकी परिक्रमा लगाती हैं। हिन्दुस्थान समाचार / पवन अवस्थी-hindusthansamachar.in

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