सिंगल प्वाइंट सर्विस डिलेवरी चैनल के रूप में काम करेंगी सहकारी समितियां : मंत्री डॉ. भदौरिया
सिंगल प्वाइंट सर्विस डिलेवरी चैनल के रूप में काम करेंगी सहकारी समितियां : मंत्री डॉ. भदौरिया

सिंगल प्वाइंट सर्विस डिलेवरी चैनल के रूप में काम करेंगी सहकारी समितियां : मंत्री डॉ. भदौरिया

भोपाल, 10 दिसम्बर (हि.स.)। सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा है कि प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को ग्रामीण क्षेत्रों में जन-सामान्य को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिये पारदर्शी, जवाबदेह, विश्वसनीय तथा प्रभावी सिंगल प्वाइंट ऑफ सर्विस डिलेवरी चैनल के रूप में विकसित करने की कार्यवाही शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में ग्रामीण क्षेत्र की समितियों में कई महत्वपूर्ण कार्य हो सकेंगे। यह जानकारी गुरुवार को जनसंपर्क अधिकारी श्रवण कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा है कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के रिकार्ड के डिजिटाइजेशन के साथ ही सहकारी बैंकों को कोर बैंकिंग सुविधा के साथ जोड़ा जायेगा, जिससे सहकारी साख संस्थाओं के तीनों स्तरों में डाटा लिंकिंग के जरिये कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता लाई जा सकेगी और दक्षता को बढ़ाया जा सकेगा। समितियों से जुड़े किसानों व सदस्यों को अन्य संस्थाओं के समकक्ष आधुनिक बैंकिंग सुविधा के साथ ही बाधारहित इलेक्ट्रॉनिक पहुंच उपलब्ध हो सकेगी। डॉ. भदौरिया ने कहा कि संस्थाओं में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया से ऋण वितरण सहित बैंकिंग कार्य में होने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा। इससे समितियों के प्रति लोगों में विशेषकर किसानों में विश्वास बढ़ेगा। इस प्रक्रिया से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के उपलब्ध ढाँचे की क्षमता का बेहतर उपयोग करते हुए हानियों व खर्चों को नियंत्रित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि डिजिटाइजेशन से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को बैंकिंग की प्रभावी अंतिम कड़ी के रूप में विकसित करने में सफलता मिलेगी। शासकीय योजनाओं अंतर्गत ऋण वितरण, खाद वितरण, उपार्जन कार्य, खाद्यान्नों का विक्रय आदि के प्रबंधन के लिये विश्वसनीय अभिलेखीकरण सुनिश्चित किया जा सकेगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश की सभी 4523 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कम्प्यूटराइजेशन का कार्य इस प्रकार कराया जायेगा, जिससे कि इन समितियों पर कोई अनावश्यक वित्तीय भार न आये। राज्य शासन ने इस कार्य के लिये इस वर्ष 2020-21 में सहकारिता विभाग के बजट में 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयास होगा कि इस कार्यवाही को एक समयबद्ध कार्य-योजना बनाकर पूर्ण किया जाये। हिन्दुस्थान समाचार / उमेद-hindusthansamachar.in

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