सामान्य प्रेक्षकों ने सेक्टर ऑफीसरों को दिया निष्पक्ष मतदान कराने का प्रशिक्षण
सामान्य प्रेक्षकों ने सेक्टर ऑफीसरों को दिया निष्पक्ष मतदान कराने का प्रशिक्षण

सामान्य प्रेक्षकों ने सेक्टर ऑफीसरों को दिया निष्पक्ष मतदान कराने का प्रशिक्षण

मुरैना, 18 अक्टूबर (हि.स.)। मुरैना जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए नियुक्त माईक्रो ऑब्जर्वरों को निर्विघ्न और सुचारू रूप से मतदान सम्पन्न कराने के लिए रविवार को पॉलीटेक्निक कॉलेज मुरैना में प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त सामान्य प्रेक्षक अहमद नदीम और अनिमेष कुमार पाराशर ने कहा कि सेक्टर ऑफीसर को मतदान के दौरान निष्पक्ष एवं पारदर्शी चौकन्ना रहकर चुनाव संपन्न कराना है। अप्रिय घटनाओं की सूचना हमें अवश्य करें। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मतदान के दिन सभी को अपने-अपने दायित्व दिये गए हैं, उन पर सभी ड्यूटी के दौरान खरे उतरें। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ तरुण भटनागर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी एलके पाण्डे, समस्त रिटर्निंग ऑफीसर एवं चुनाव के लिये वल्नरेवल मतदान केन्द्रों पर लगने वाले 360 माईक्रो ऑब्जर्वर उपस्थित थे। जिले के मुरैना, दिमनी, अम्बाह के लिये नियुक्त सामान्य प्रेक्षक अहमद नदीम ने कहा कि इन माइक्रो ऑब्जर्वरों में 60 प्रतिशत ऐेसे लोग होंगे, जिन्होंने पहले चुनाव कराये होंगे, किन्तु वे यह न सोचें कि हमें सब कुछ आता है। चुनाव आयोग हर चुनाव नये-नये बिन्दु भेजता है। उन सभी बिंदुओं पर हमें खरा उतरना है। उन्होंने कहा कि मॉकपोल से लेकर मतदान के दौरान गतिविधियां, अप्रिय घटना से लेकर मतदान दल सामग्री जमा करने तक अपनी रिपोर्ट माइक्रो ऑब्जर्वरों को अलग से हमें अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है, हर माइक्रो ऑब्जर्वर को मतदान केन्द्र पर चौकन्ना होकर कार्य करने की जरूरत है। वहीं, जौरा तथा सुमावली के नियुक्त सामान्य प्रेक्षक अनिमेष कुमार पाराशर ने कहा कि पूरी पारदर्शिता के साथ पोल डे के दिन मॉकपोल से लेकर फ्री फेयर होकर चुनाव संपन्न करायें। चुनाव आयोग ने माइक्रो ऑब्जर्वर पर मतदान केन्द्र की गतिविधियों को रिपोर्ट करने के लिये विश्वास के रूप में रखा है। इसलिये मॉकपोल से लेकर सभी गतिविधियों पर नजर बनाये रखें। उन्होंने कहा कि मॉकपोल के बाद क्लियर बटन दबाना पॉलिंग पार्टी समझें। आवश्यकता पडऩे पर उन्हें बतायें, मॉकपोल के वोट ईव्हीएम में रहे तो मतदान प्रक्रिया दूषित होने का डर रहेगा। राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर विवेक वर्मा ने सहायक मास्टर ट्रेनर्स के रूप में 18 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था। जिन्होंने 9 कक्षों में माइक्रो ऑब्जवरों को मतदान प्रारंभ होने से समाप्ति तक मतदान प्रक्रिया की मॉनीटरिंग के साथ-साथ निर्धारित प्रारूप में जानकारी प्रस्तुत करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। माइक्रो ऑब्जर्वर के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षण में बताया गया कि मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को मॉकपोल करके वोटिंग की प्रक्रिया बताई जाएगी। मतदान शुरू होने से पहले मतदान मशीन को शून्य करके फिर नये सिरे से मतदान शुरू किया जाएगा। ईवीएम, बैटरी, वीवीपैट जो भी पार्ट खराब हो सिर्फ वही बदला जाएगा। वोटिंग मशीन में 12 तरह के एरर आने पर मतदान की पूरी मशीन बदली जाएगी। मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं के लिए गोले बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा। माइक्रो ऑब्जर्वर बूथ एप के माध्यम से जानकारी समय-समय पर ले सकेंगे। मतदान केंद्रों पर तैनात होने वाले माईक्रो ऑब्जर्वरों को जानकारी दी कि माइक्रो ऑब्जर्वर मतदान केंद्र पर यह देखेंगे कि मॉकपोल किया गया है, मॉकपोल के बाद कंट्रोल यूनिट का डाटा क्लियर किया गया है, मॉक पोल के दौरान कितने पोलिंग एजेंट उपस्थित थे, किसी एक अभ्यर्थी के एक से अधिक पोलिंग एजेंट मतदान केंद्र में तो नहीं है, कोई अनाधिकृत व्यक्ति मतदान केंद्र के अंदर तो नहीं आ गया है, मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही लगाई जा रही है या नहीं, मतदाता के पहचान के दस्तावेज देखे जा रहे हैं या नहीं, पीठासीन अधिकारी डायरी में गतिविधियों को नोट कर रहे हैं। प्रशिक्षण में बताया गया कि माईक्रो ऑब्जर्वरों को मतदान प्रारंभ से लेकर समाप्ति तक प्रत्येक घंटे में हुए मतदान के प्रतिशत की जानकारी भी लेनी होगी। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद-hindusthansamachar.in

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