सरकार के इस फैसले को कमलनाथ ने बताया जनविरोधी, सीएम शिवराज से की यह मांग
सरकार के इस फैसले को कमलनाथ ने बताया जनविरोधी, सीएम शिवराज से की यह मांग

सरकार के इस फैसले को कमलनाथ ने बताया जनविरोधी, सीएम शिवराज से की यह मांग

भोपाल, 21 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार व कृषक उद्यमी योजना के तहत बेरोजगारों को मिलने वाले लोन पर रोक लगा दी है। शिवराज सरकार ने सभी बैंकों को इन योजनाओं के तहत नए केस स्वीकृत करने और ऋण देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इस संबंध में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग विभाग के सचिव ने स्टेट लेवेल बैंकर्स कमेटी को पत्र भी भेज दिया गया है। इससे जिले के उन बेरोजगार युवाओं, किसानों को नुकसान होगा, जो खुद के स्टार्टअप शुरू करने की प्लानिंग कर रहे थे। सरकार के इस निर्णय पर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार के इस फैसले को जनविरोधी बातते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। कमलनाथ ने सोमवार सुबह एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा ‘शिवराज सरकार किसान विरोधी होने के साथ-साथ युवा व रोजग़ार विरोधी भी। अपने 15 वर्ष के शासनकाल में भी युवाओं को रोजगार देने को लेकर कुछ नहीं किया और वर्तमान सरकार में भी रोजग़ार वाली योजनाओं को कर रही बंद? देश में सर्वाधिक युवा मध्यप्रदेश में रोजगार के अभाव में आत्महत्या करते हैं और अब तीन स्वरोजगार योजनाएं भी बंद करने का निर्णय? कमलनाथ ने कहा कि ‘कोरोना महामारी में पहले ही कई लोगों का रोजगार छिन चुका है, आर्थिक स्थिति भयावह हो चुकी है, ऐसे में इन योजनाओं के बंद होने से बेरोजगारी और बढ़ेगी, युवा हताश होगा। मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत बड़ी संख्या में युवाओं को ऋण मिलने के साथ- साथ अनुदान व सब्सिडी भी मिलती थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा-‘बड़ी शर्मनाक बात है कि जो प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं , उनके भी आवेदन रोकने का निर्णय लिया गया है? सरकार ऐसे जनविरोधी फैसले पर पुनर्विचार करें और इन योजनाओं को तत्काल वापस चालू करें। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in

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