शा.माधवनगर अस्पताल में एम्बुलेंस का अभाव, कोरोना मरीजों को रैफर करने में आ रही परेशानी
उज्जैन,28 सितम्बर (हि.स.)। शहर में कोरोना अपना पीक दिखा रहा है और रोजाना मरीज शा.माधवनगर अस्पताल पहुंच रहे हैं। यहां पर सारे बेड भरे होने के कारण मरीजों को अमलतास और आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज रैफर करना पड़ रहा है। इस बीच सबसे बड़ी समस्या एम्बुलेंस की कमी के रूप में सामने आ रही है। एम्बुलेंस नहीं होने के कारण रैफर करनेवाले डॉक्टर्स भय से कांप रहे हैं कि कहीं किसी की मौत एम्बुलेंस में न हो जाए ? शा.माधवनगर हॉस्पिटल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बना दिया गया और यहां हाल ही में अत्याधुनिक आयसीयू का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री ने किया। लेकिन इस हॉस्पिटल में मूलभुत सुविधा के नाम पर आधुनिक एम्बुलेंस का अभाव होने के कारण मरीजों को रैफर करने में परेशानी आ रही है। एम्बुलेंस के नाम पर यहां तीन वाहन हैं,जो पोर्च में स्थित पार्किंग में खड़े हैं। इनमें से एक एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। दूसरी एम्बुलेंस ओमनी है और उसमें ऑक्सीजन है लेकिन इमरजेंसी केे लिए बायपेप मशीन आदि नहीं है। तीसरी एम्बुलेंस भी तकनीकी रूप से काम की नहीं है। यह करते हैं मरीज भेजने से पहले रोजाना शा.माधवनगर अस्पताल में कोरोना मरीज आते हैं तो उन्हे रैफर करने के लिए वाहन शाखा प्रभारी को फोन किया जाता है। वह गाड़ी भेजता है,तब मरीज को अमलतास या आर डी गार्डी भेजा जाता है। जब तक गाड़ी नहीं आती है,मरीज और डॉक्टर,दोनों इंतजार करते हैं। परिजन कुढ़कते रहते हैं और व्यवस्थाओं को कोसते हैं। इनका कहना है.. हॉस्पिटल प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा के अनुसार हमें आधुनिक एम्बुलेंस चाहिए। मरीज को रिस्क लेकर रैफर नहीं कर सकते। गंभीर मरीज को रैफर करने से पूर्व एम्बुलेंस में ऑक्सीजन,बायपेप मशीन आदि रहना आवश्यक है,जो काम कर रही हो। कलेक्टर को सारी जानकारी दे दी है। यहां के लिए सेपरेट वाहन जो तकनीकी रूप से दक्ष हो,की आवश्यकता है। इधर सूत्रों का कहना है कि वाहन प्रभारी को फोन करने पर वह वाहन भेजता है। उसके पास इतनी गुंजाइश है कि वह एक वाहन शा.माधवनगर अस्पताल में स्थायी रूप से रख दे,ताकि मरीज को तत्काल रैफर किया जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/ललित/केशव-hindusthansamachar.in