विरोधी दलों ने किसानों के बीच भ्रम पैदा करने का पाप किया हैः शशांक श्रीवास्तव
विरोधी दलों ने किसानों के बीच भ्रम पैदा करने का पाप किया हैः शशांक श्रीवास्तव

विरोधी दलों ने किसानों के बीच भ्रम पैदा करने का पाप किया हैः शशांक श्रीवास्तव

अनूपपुर, 14 दिसम्बर (हि.स.)। स्वतंत्रता के बाद से लगातार अपनी उन्नति और खुशहाली के लिए तरस रहे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऐतिहासिक कानूनी प्रावधान किए हैं। अधिकारों से वंचित किसानों को अपने उत्पाद का मूल्य निर्धारण करने और उसे अपनी इच्छा के अनुरूप स्थान पर बेचने आदि की स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए 3 विधायकों के माध्यम से कानूनी प्रावधान किए गए हैं। जिसमें पहला कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण), दूसरा कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार एवं तीसरा आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पास किया। सोमवार को जिला मुख्यालय में कटनी महापौर व भाजपा नेता शशांक श्रीवास्तव ने किसानों के मुद्दों पर पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक बाजार की अवधारणा विकसित करने के लिए यह बाधा मुक्त व्यवस्था किसानों के लिए की गई है। दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी दिन-रात पसीना बहाने वाले किसानों को अपनी फसलों का मूल्य स्वयं निर्धारित करने का अधिकार नहीं दिया गया और उसे दलालों के जबड़े में डाल कर रखा गया। किसी भी प्रकार का उत्पात करने वालों को अपने उत्पादन का मूल्य निर्धारित करने का अधिकार सदैव से रहा तब प्रश्न आता है कि कृषि प्रधान देश का यह अधिकार किसानों को क्यों नहीं दिया गया आज जब किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का कानूनी प्रयास किया जा रहा है जिसका विरोध विपक्षी दलों द्वारा किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी सुधारों का विरोध कर रहे हैं वही नेता संसद के भीतर से लेकर बाहर तक इनकी वकालत करते थे। इनका दोहरा चरित्र समाज के सामने उजागर हुआ है कांग्रेस शासनकाल में किसानों के हित में ऐसा कोई काम नहीं हो सका जिसका उल्लेख किया जा सके लेकिन आज जब देश के किसान को अभिमान और स्वाभिमान देने के प्रयास किए जा रहे हैं। कटनी महापौर ने कहा कांग्रेस ने हर राष्ट्रीय विषय पर देश का वातावरण खराब करने का प्रयास किया है। दुर्भाग्य से नए कानूनों के संदर्भ में विरोधी दलों ने किसानों के बीच भ्रम पैदा करने का पाप किया है। भय दिखाकर राजनीति करने एजेंडा चला रहे। उन्होंने कहा कि किसान को अपने उत्पाद का दाम तय करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए, किसान अपना उत्पाद किसी भी राज्य में जाकर बेचने की छूट नहीं मिलना चाहिए अपना उत्पाद बेचने के लिए आधुनिक सुविधाओं के माध्यम से बाजार तलाशने का अधिकार है। सरकार अब किसान को लाचार नहीं रहने देगी। नए कानूनों का लाभ किसान को मिलना प्रारंभ हो गया है। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in