विधानसभा उपचुनाव की चर्चा के बीच वार्डों के आरक्षण राजनैतिक सरगर्मी बढ़ाएंगे
विधानसभा उपचुनाव की चर्चा के बीच वार्डों के आरक्षण राजनैतिक सरगर्मी बढ़ाएंगे

विधानसभा उपचुनाव की चर्चा के बीच वार्डों के आरक्षण राजनैतिक सरगर्मी बढ़ाएंगे

रतलाम, 30 जुलाई(हि.स.)। नगर पालिक निगम परिसिमन के बाद गुरुवार को प्रशासक एवं कलेक्टर रुचिका चौहान की उपस्थिति में तथा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में निगम के 49 वार्डों के नए परिसिमन के साथ वार्डों के आरक्षण का कार्य भी आज पूरा हो गया। शहर के 49 वार्डों में से ही 26 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए। सामान्य पुरुष वार्ड 6,13,15,19,22,29,34,36,37,38,41,44,46,48,49, सामान्य महिला वार्ड 20, 40, 26, 39, 30, 28, 12, 33, 45, 4, 7, 23, 27, 25, 14 एससी पुरुष वार्ड 31,32, एससी महिला वार्ड 1,2,21। ओबीसी पुरुष वार्ड 5,24,42,16,3,35, ओबीसी महिला वार्ड 47, 11, 43, 9, 18, 8 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए एक-एक वार्ड पुरूष तथा महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इनमें पुरूष के लिए वार्ड 17 तथा महिला के लिए वार्ड 10 आरक्षित किया गया। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा एक-एक करके वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान आयुक्त सोमनाथ झारिया, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र लुनेरा, कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र कटारिया, पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा, भाजपा नेता प्रदीप उपाध्याय, विष्णु त्रिपाठी सहित भाजपा कांग्रेस के नेतागण भी उपस्थित थे। इसी के साथ जिले की अन्य नगरीय निकायों के लिए भी वार्ड आरक्षण का कार्य किया गया। वार्डों के आरक्षण के साथ ही अब शहर के दिग्गज राजनेता गण अपने-अपने लिए सुरक्षित वार्ड तलाशेंगे। आज भी कई नेता गण इस चर्चाओं यह बात कह गए कि मेरे लिए यह वार्ड अच्छा रहेगा, मेरे लिए यह वार्ड सुरक्षित रहेगा। कोरोना वायरस की महामारी के बीच वार्ड आरक्षण के दौरान लोग तनाव मुक्त दिखे। पिछले कई माह से कोरोना वायरस के कारण राजनेता क्या सभी सामान्य लोग भी काफी तनाव में है, जिसका मुख्य कारण कोरोना वायरस की महामारी है। हालांकि आम नागरिकों की शिकायत है कि कोरोना वायरस का भय राजनेताओं और अधिकारियों को नहीं है, क्योंकि वह न तो बराबर सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे है और ना ही मास्क का उपयोग। नेता और अधिकारी आम जनता को फिजिकल डिस्टेंस और मास्क लगाने के उपदेश देते है, लेकिन स्वयं उसका पालन नहीं करते। इसके कई उदाहरण देखने में आ रहे है। राजनेताओं की भीड़ और कार्यक्रमों में लगने वाले मजमें इस बात का उदाहरण है। लोगों का सोचना है कि आरक्षण की इस प्रक्रिया के बाद राजनैतिक घटनाक्रम में गति आएगी और होने वाले उक्त चुनाव में भी राजनैतिक उठापटक को बल मिलेगा। बताते है कि आने वाले दो माह कोरोना वायरस की महामारी का कहर बरसाएंगे, इसी कारण शासन ने भी 31 अगस्त तक स्कूल कालेजों में भी अवकाश की घोषणा की है। भले ही 1 अगस्त से रात्रि कालीन कफ्र्यू हटाने की योजना है। आगे की गाईड लाईन क्या होती है यह तो समय बताएगा, लेकिन राजनैतिक गतिविधियों में कमी नही आएगी यह बढ़ती ही जाएगी। क्योकि विधानसभा के उपचुनाव में दोनों ही प्रमुख दल जोर अजमाईश कर रहे है। भाजपा को सत्ता में बने रहना है इसलिए इसे उपचुनाव की सीटे जीतना है और कांग्रेस को वर्तमान सरकार को हटाना है इसलिए वह भी उपचुनाव में अधिक से अधिक सीटे जीतने के लिए पूरी कोशिश करेगी। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in