लोकतंत्र और संविधान को मजबूत बनाने एकजुट हों और सच्चाई को पहचाने: कमलनाथ
लोकतंत्र और संविधान को मजबूत बनाने एकजुट हों और सच्चाई को पहचाने: कमलनाथ

लोकतंत्र और संविधान को मजबूत बनाने एकजुट हों और सच्चाई को पहचाने: कमलनाथ

भोपाल, 14 अगस्त (हि.स.)। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश की जनता को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए संबोधित किया। अपने संबोधन में कमलनाथ ने स्वतंत्रता दिवस के बहाने उपचुनाव से पहले जनता को साधने का प्रयास किया। उन्होंने अपने संबोधन में प्रदेश की जनता से कहा कि लोकतंत्र और संविधान को मजबूत करने के लिये आज सभी लोगों को एकजुट होना होगा। उन्होंने नागरिकों का आव्हान किया की वे सच्चाई को पहचानें और सच्चाई का साथ देने का संकल्प लें। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि 17 दिसम्बर 2018 को शपथ और 20 मार्च 2020 को इस्तीफा देने के बीच उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में सिर्फ 15 माह ही काम करने का समय मिला। इतने अल्प समय में उनकी सरकार ने बड़े फैसले लिये इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश के 27 लाख किसानों का कर्ज पहले और दूसरे चरण में माफ़ किया। तीसरे चरण में 1 जून 2020 से लगभग 5 लाख किसानों की कर्ज माफ़ी का प्रावधान किया। प्रदेश का नौजवानों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिये उद्योग जगत का निवेश के लिये विश्वास बनाने का प्रयास किया। मेरा मानना है की निवेश तभी प्रोत्साहित होता है जब विश्वास का माहौल हो, निवेश बढऩे से नौजवानों को रोजगार मिलता हैं और आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ती है। अपने संबोधन में आगे कमलनाथ ने कहा मध्यप्रदेश की एक नयी पहचान और प्रोफाइल बने इसके लिये एक नयी शुरुआत की। हमारे प्रदेश की पहचान माफिया और मिलावटखोर बन गए थे, इनके खिलाफ मेरी सरकार ने सख्ती से अभियान चलाया। पंद्रह माह की अपनी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कमलनाथ ने कहा की आम उपभोक्ताओं को सौ रुपयों में सौ यूनिट बिजली, किसानों को सिंचाई पंप लगाने और बिजली कनेक्शन की राशि कम करने, कन्या विवाह की राशि बढाकर 51 हजार रुपए करने और बुजुर्गों की पेंशन राशि 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये करने का निर्णय लिया जिसका लोगों को लाभ भी मिला है। उन्होंने कहा की गौमाता के संरक्षण और सुरक्षा के लिये पूरे प्रदेश में गौशालाओं के निर्माण की शुरुआत की। देश भर में सबसे ज्यादा गौशाला हमारे प्रदेश में बनी हैं। कर्मचारियों के हित में महंगाई भत्ता बढ़ाने और स्वास्थ्य बीमा जैसे निर्णय लिये, आध्यात्म विभाग का गठन कर राम-वन-गमन-पथ योजना, उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर, ओम्कारेश्वर मंदिर के विकास की योजना और राशि स्वीकृत की। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा तथा शिप्रा नदी के संरक्षण का अभियान शुरू किया। कमलनाथ ने कहा कि आज इस अवसर पर मैं कोरोना महामारी के संकट के इस समय में उन कोरोना वारियर्स को सेल्यूट करता हूँ, जो अपनी जान जोखिम में डाल प्रदेश की जनता की सेवा व सुरक्षा का दायित्व बखूबी निभा रहे है। कोरोना के इस संकट काल में हम प्रदेशवासियो के साथ खड़े है। उन्होंने कहा कि मेरा सपना है की मध्यप्रदेश की एक विशेष पहचान बने, हमारा प्रदेश समृद्ध और विकसित हो। मेरी सरकार ने प्रदेश और जनता के हित में जो योजनायें शुरू की थी वे अधूरी हैं। खुशहाली लाने का दौर जो हमने शुरू किया था वह रुक गया है। मेरे सपनों का मध्यप्रदेश, एक नया मध्यप्रदेश बनाने का मैं आज पुन: संकल्प लेता हूँ। अपने संबोधन में भाजपा पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने जब संविधान बनाया। उन्होंने एक नैतिक एवं सैद्धांतिक राजनीति अपने देश में होगी उसके अनुसार प्रावधान रखेद्य आज संविधान कितने खतरे में है यह चित्र आपके सामने है ? उन्होंने कहा कि हर साल 15 अगस्त हम सभी के लिये एक नयी प्रेरणा और चुनौती लेकर आता है। हमें इस बार लोकतंत्र और संविधान को मजबूत बनाने के लिये एकजुट होकर आगे आना होगा। आज प्रदेश की तस्वीर आपके सामने है आज के दिन हम संकल्प लें कि हम सच्चाई को पहचानते हुए सच्चाई का साथ देंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in

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