रोजगार वृद्धि प्रयासों के लिए पुरस्कृत होंगे जिले, परफॉर्मेंस के आधार पर होगी अधिकारियों की नियुक्ति
रोजगार वृद्धि प्रयासों के लिए पुरस्कृत होंगे जिले, परफॉर्मेंस के आधार पर होगी अधिकारियों की नियुक्ति

रोजगार वृद्धि प्रयासों के लिए पुरस्कृत होंगे जिले, परफॉर्मेंस के आधार पर होगी अधिकारियों की नियुक्ति

मुख्यमंत्री ने कॉन्फ्रेंस में दिये अधिकारियों को निर्देश भोपाल, 13 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रोजगार वृद्धि के लिये व्यवस्थित और सार्थक प्रयास करने वाले जिले पुरस्कृत किये जाएंगे। स्ट्रीट वेण्डर्स कल्याण योजना और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोडऩे और आय का साधन मजबूत बनाने के प्रयास भी बढ़ाए जाएं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप जनता के सामने कल ही रखा गया है। यह रोडमैप प्रदेश को आगे ले जाने का ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि अब प्रतिमाह वीडियो कान्फ्रेसिंग होगी, जिसमें वे योजनाओं की राज्य स्तरीय समीक्षा करेंगे, आधिकारियों का परफार्मेंस देखेंगे। अब मेरिट के हिसाब से ही मैदानी अफसरों की नियुक्ति होगी। नियुक्ति का आधार परफार्मेंस ही होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सिर्फ कार्य चाहता हूँ। प्रदेश का विकास सर्वोपरि है। अपने कर्तव्य पूर्ण करने के प्रति विभागीय अफसर गम्भीर रहें, दायित्व निर्वहन में कोई कठिनाई हो तो बताएं। मुख्य सचिव इसका समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण के लिये अच्छे प्रयास किये गये हैं। इस तरह के प्रयास जारी रहें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा आयोजित कलेक्टर्स-कमिश्नर्स, आईजी, एसपी कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, विभिन्न जिलों से मंत्री और विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुख शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि प्रदेश की जनता के कल्याण और उनके भविष्य को बेहतर बनाने का प्रयास करें। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मासिक लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें और प्रदेश को देश में प्रथम स्थान पर लाने का प्रयास करें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीपावली की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि लाए। हम अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ें। मध्यप्रदेश में कोरोना काल में आर्थिक समस्या रही जिससे उबरकर समाधान की राह तलाशी गई। प्रदेशवासियों ने इन प्रयासों को समर्थन देते हुए अपना स्नेह और आशीर्वाद दिया है जिससे मध्यप्रदेश, जिसे मैं मंदिर मानता हूँ उसके तीव्र विकास के लिए संकल्प व्यक्त करते हुए सभी से सहभागिता की आशा करता हूँ। हम प्रयासों की पराकाष्ठा करेंगे, प्रयत्नों की परिसीमा के साथ सुशासन लाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन सिर्फ हमारा अपना जीवन न होकर समाज के लिए सार्थक भूमिका निभाने वाला जीवन हो। जियो और जीने दो के भाव के साथ हम पर्यावरण बचाएं, पानी बचाएं, किसी अनपढ़ को पढ़ाएं, किसी जरूरतमंद को गोद ले लें और कोई ऐसा कार्य अवश्य करें जो अपने लिए नहीं, अपनों के लिए हो। हमारी दीपावली किसी के जीवन को बदलने का अवसर भी बने। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए सभी को एक साथ जुटना है। ईष्या और घृणा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। सामाजिक समरसता के मूलमंत्र और सर्वकल्याण की भावना के साथ अपनी भूमिका निभानी है। समर्थन मूल्य पर खरीदी मुख्यमंत्री ने प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीदी के संबंध में कलेक्टर्स से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों के परिश्रम से रिकार्ड गेहूँ का उत्पादन हुआ था। राज्य सरकार ने उपार्जन कार्य की सभी व्यवस्थाएं जमाईं। इसके फलस्वरूप रिकार्ड उपार्जन हुआ। इसी तरह धान, ज्वार और बाजरा की खरीदी का कार्य सुनिश्चित करना है। प्रदेश के बाहर से गुणवत्ताविहीन धान का आगमन नहीं होना चाहिए। सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर्स यह सुनिश्चित करें कि प्रदेश के किसानों से ही धान खरीदा जाए। हाल ही में रीवा कलेक्टर ने चेकिंग प्वाइंट बनाकर और उपार्जन तिथि के पूर्व से खरीदी की व्यवस्था की है, जो प्रशंसनीय है। इसी तरह अन्य जिले व्यवस्थित उपार्जन कार्य को अंजाम दें। कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि मिलिंग व्यवस्था में किए गए परिवर्तन के फलस्वरूप अब मिलर्स खरीदी केन्द्र से जुड़ेंगे। पहले मिलिंग का कार्य उपार्जन के बाद किया जाता था। अब नई व्यवस्था में उपार्जन के साथ ही मिलिंग भी होगी। गुणवत्ता में सुधार भी सुनिश्चित किया जा रहा है। आवश्यक भंडारण व्यवस्था भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव कृषि को धान में काले दाने की समस्या वाले जिला विशेष में समाधान के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि कुछ जिलों में उपार्जन कार्य में स्व-सहायता समूहों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। मिलावट से मुक्ति अभियान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। इंदौर में राशन माफिया को रासुका के अंतर्गत जेल भेजने की कार्यवाही सराहनीय है। उन्होंने इसके लिए इंदौर जिला प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छोटे दुकानदारों को मिलावट के प्रकरणों में परेशान न किया जाए। मिलावटी वस्तु के स्त्रोत और निर्माण केन्द्र को लक्ष्य करते हुए दोषी व्यक्ति के विरूद्ध न सिर्फ कानूनी कार्यवाही हो बल्कि ऐसे लोगों की आर्थिक कमर तोड़ी जाए। किसी की जान लेने के दोषी मिलावटखोरों को आजीवन कारावास की सजा देने से इस अपराध पर नियंत्रण स्थापित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन की जिम्मेदारी है कि खाद्य, औषधि प्रशासन, पुलिस, नापतौल विभाग और नगरीय निकाय के संयुक्त जाँच दल के माध्यम से मिलावट के विरूद्ध अभियान को तेज किया जाए। नकली वस्तु के विक्रय या निर्माण की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखते हुए नागरिकों का सहयोग प्राप्त किया जाए। मुख्य सचिव बैंस ने कलेक्टर्स को संभागों के लिए प्रारंभ की गई मोबाईल प्रयोगशालाओं का रोजमर्रा की वस्तुओं की जाँच में उपयोग करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि) मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत छोटे किसानों को 6 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। राज्य सरकार ने इसमें 4 हजार रुपये की वृद्धि की है। ऐसे पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने का कार्य पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने बताया कि प्रदेश में 20 नवम्बर तक पात्र किसानों के पंजीयन किए जा रहे हैं। कुछ जिलों में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। डिण्डौरी में पंजीयन कार्य की प्रगति 88 प्रतिशत है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो पद्धतियों से यह कार्य चल रहा है। प्रदेश में 78.61 लाख किसानों में से करीब 52 लाख किसानों के पंजीयन कर नाम जोड़े जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी जोत वाले किसानों और वनाधिकार पट्टाधारियों को भी अनिवार्य रूप से किसान सम्मान निधि का लाभ दिलवाया जाए। ऐसे छोटे किसान जो सूखी भूमि और पहाड़ी, पथरीली जमीन पर कृषि कार्य करते हैं, उन्हें इस निधि के मिलने से आर्थिक सहारा प्राप्त होता है। सभी जिले किसान कल्याण योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। पथ विक्रेता उत्थान योजना मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्ट्रीट वेण्डर्स योजना के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख करते हुए कहा कि 10 हजार रुपये की ब्याजमुक्त ऋण सहायता से छोटे कारोबारियों का कार्य अच्छा चलने लगा है। नियमित ऋण अदायगी पर 20 हजार और फिर 50 हजार तक की ऋण राशि प्राप्त होने का प्रावधान हितग्राहियों की जिन्दगी को बदलने में उपयोगी है। इस प्रावधान का अधिकतम प्रचार भी किया जाए। शहरी स्ट्रीट वेण्डर्स को लाभान्वित करने में मध्यप्रदेश देश में प्रथम है। अब ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स को भी लाभान्वित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। स्वनिधि योजना में प्रदेश में 5 लाख कारोबारियों को लाभान्वित करने के लक्ष्य के मुकाबले 4.62 लाख आवेदनों में से 3.30 लाख आवेदन मंजूरी की प्रक्रिया में है, लगभग डेढ़ लाख हितग्राही लाभान्वित हो चुके हैं। इंदौर योजना के क्रियान्वयन में सबसे आगे है। कलेक्टर्स यह सुनिश्चित करें कि स्वीकृत प्रकरण की राशि भी वितरित हो जाए। उन्होंने 30 नवम्बर तक सभी प्रकरण स्वीकृत कर वर्षांत तक सभी को राशि प्रदान करवाने के निर्देश दिए। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/राजूू-hindusthansamachar.in

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