रीवा विश्वविद्यालय में होगी लोकपाल की नियुक्ति, कामकाज में आएगी पारदर्शिता
रीवा विश्वविद्यालय में होगी लोकपाल की नियुक्ति, कामकाज में आएगी पारदर्शिता

रीवा विश्वविद्यालय में होगी लोकपाल की नियुक्ति, कामकाज में आएगी पारदर्शिता

रीवा, 11 नवम्बर (हि.स.)। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में अब जल्द ही लोकपाल की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। लोकपाल की नियुक्ति से विश्वविद्यालय के कामकाज के साथ ही छात्रों एवं कर्मचारियों की ओर से की जाने वाली शिकायतों पर निगरानी रखी जा सकेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश के बाद शासन स्तर पर यह प्रक्रिया लंबे अंतराल के बाद प्रारंभ की गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करते हुए आवेदन भी आमंत्रित किया है, जिसमें मापदंडों के अनुरूप पात्र आवेदन में से नियुक्ति की जाएगी। नियुक्ति से जुड़ी पूरी प्रक्रिया शासन स्तर से ही की जाएगी। लोकपाल की नियुक्ति के साथ ही छात्रों की शिकायतों को सुनने के लिए प्रत्येक कालेज को एक शिकायत प्रकोष्ठ बनाना होगा। छात्र पहले उस प्रकोष्ठ में शिकायत करेंगे। कालेज 10 दिन में उचित कार्रवाई नहीं करता तो छात्र लोकपाल को शिकायत कर सकेंगे। समय-सीमा में समाधान नहीं करने वाले अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश लोकपाल शासन को करेंगे। कालेजों की तरह विश्वविद्यालय में भी शिकायत सुनने के लिए एक प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। यूजीसी के नियमों के अनुसार होगी नियुक्ति यूजीसी द्वारा वर्ष 2012 में जारी अधिसूचना यह कहती है कि लोकपाल की नियुक्ति तीन लोगों में से की जाएगी जिसे सर्च कमेटी फाइनल करेगी और उनके नाम को अग्रसारित करेगी। इस पांच सदस्यीय सर्च कमेटी में यूजीसी चेयरमैन और किसी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वीसी को होना चाहिए। इसके अलावा अन्य कई शर्तों को वर्ष 2019 में संशोधित किया गया है। जिसके चलते नई शर्तों के अनुसार ही नियुक्ति की जाएगी। लोकपाल किसी अनुभवी व्यक्ति को बनाया जाएगा, इसके पहले किसी विश्वविद्यालय का कुलपति या अन्य संस्थान का मुखिया होना आवश्यक है। यह नियुक्ति तीन वर्ष के लिए होगी। हिन्दुस्थान समाचार / विनोद शुक्ल-hindusthansamachar.in

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